5 गाय पालने पर हर महीने मिलेंगे 4500 रुपये, योगी सरकार ने शुरू किया यह प्लान
उत्तर प्रदेश सरकार ने 'मुख्यमंत्री बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना' को मंजूरी दे दी है. इस योजना के पहले चरण के लिए 109 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है.
लखनऊ में अब तक 24,940 आवारा गौवंश पकड़े गए हैं और इनमें से 9,079 के कानों पर टैग लगा दिए गए हैं. टैग लगे जानवर गोद लिए जाने के लिए तैयार हैं.
लखनऊ में अब तक 24,940 आवारा गौवंश पकड़े गए हैं और इनमें से 9,079 के कानों पर टैग लगा दिए गए हैं. टैग लगे जानवर गोद लिए जाने के लिए तैयार हैं.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सड़कों पर घूमने वाली आवारा गायों की समस्या से छुटकारा पाने का एक नया प्लान तैयार किया है. इस प्लान से दो काम एकसाथ होंगे. एक तो किसानों को आवारा गायों के आतंक से मुक्ति मिलेगी, दूसरा- लोगों को रोजगार मिलेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों और गांवों में खुलेआम घूमने वाली गायों को संरक्षण देने के लिए बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना शुरू की है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. किसान परेशान हैं कि उनकी फसल को आवारा जानवर चौपट कर जाते हैं. पिछले दिनों कई जगह से इस तरह की खबरें आईं कि परेशान किसानों ने आवारा घूमने वाली गायों को गांव के स्कूलों में बंद कर दिया.
लेकिन अब सरकार ने इस समस्या का हल खोज लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आवारा पशुओं के लिए एक नई योजना लेकर आए हैं जो रोजगार के मौके पैदा करने में भी मदद करेगी. राज्य सरकार ने 'मुख्यमंत्री बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना' को मंजूरी दे दी है. सरकार का दावा है कि इस योजना से आवारा पशुओं की समस्या का समाधान होगा और रोजगार के मौके पैदा होंगे. सरकार ने इस योजना के पहले चरण के लिए 109 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है.
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रोजना मिलेंगे 30 रुपये
इस योजना के पहले चरण में सरकार, सरकारी गोशालाओं की एक लाख गायों को उन किसानों या ऐसे लोगों को सौंपेगी, जो इनकी देखभाल करने के लिए तैयार हैं. जो आदमी इन गायों की देखभाल करेगा, उसे एक गाय के लिए रोजाना 30 रुपये दिए जाएंगे. यानी प्रदेश सरकार हर महीने उसके बैंक खाते में 900 रुपये जमा करेगी. अभी तीन महीने का पैसा एकसाथ दिया जाएगा. फिर हर महीने 900 रुपये खाते में डाले जाएंगे.
यूपी सरकार ने स्वीकार किया कि आवारा पशुओं को सरकार गोशालाओं में रखना और उनकी देखभाल करना एक बड़ी समस्या साबित हो रही है. सरकार ने कहा कि 2012 की गणना के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 205.66 लाख पशु हैं, जिनमें से 10-12 लाख आवारा पशु हैं. राज्य में 523 रजिस्टर्ड गोशालाएं हैं और कई गोशालाएं बनाई जा रही हैं.
2019-20 के बजट में राज्य सरकार ने पशु कल्याण के लिए 600 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है. इसमें गांवों में पशु आश्रयस्थलों को तैयार करने और रखरखाव के लिए 250 करोड़ रुपये, जबकि शहरों में इसी काम के लिए 200 करोड़ रुपये शामिल हैं.
1500 लोगों ने गाय गोद लेने की इच्छा जताई
अच्छी बात ये है कि सरकार की इस योजना में शामिल होने के लिए लोगों में काफी रुचि देखने को मिली है. लखनऊ प्रशासन में इस योजना को लेकर 1500 आवेदन आए हैं. लखनऊ के मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी तेज सिंह यादव ने बताया कि 'मुख्यमंत्री बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना' के तहत उनके पास 1500 आवेदन आए हैं. इनमें ज्यादातर किसान और भूमिहीन लोग हैं.
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लखनऊ में अब तक 24,940 आवारा गौवंश पकड़े गए हैं और इनमें से 9,079 के कानों पर टैग लगा दिए गए हैं. टैग लगे जानवर गोद लिए जाने के लिए तैयार हैं.
बीमार होने की दशा में
किसी गाय या बछड़े को गोद लेने के बाद अगर वह बीमार हो जाता है तो इसकी जानकारी पशु चिकित्साधिकारी को देनी होगी. जिले का पशु पालन विभाग उस पशु की मुफ्त में चिकित्सा मुहैया करवाएगा. पशु की मौत होने की दशा में उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा और अगर पशु की मौत के पीछे पशु पालक की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
01:54 PM IST