रतन टाटा ने किया नया निवेश, 18 की उम्र वाले इस युवा के स्टार्टअप में लगाया पैसा
देश के दिग्गज दानवीरों में से एक रतन टाटा (Ratan Tata) ने फार्मास्युटिकल स्टार्टअप जेनरिक आधार (Generic Aadhaar) में निवेश किया है. इस कंपनी के फाउंडर सीईओ अर्जुन देशपांडे हैं और वह केवल 18 साल के हैं.
रतन टाटा (Ratan Tata) ने फार्मास्युटिकल स्टार्टअप जेनरिक आधार (Generic Aadhaar) में निवेश किया है.
रतन टाटा (Ratan Tata) ने फार्मास्युटिकल स्टार्टअप जेनरिक आधार (Generic Aadhaar) में निवेश किया है.
देश के दिग्गज दानवीरों में से एक रतन टाटा (Ratan Tata) ने फार्मास्युटिकल स्टार्टअप जेनरिक आधार (Generic Aadhaar) में निवेश किया है. इस कंपनी के फाउंडर सीईओ अर्जुन देशपांडे हैं और वह केवल 18 साल के हैं. उन्होंने यह कंपनी ठीक दो साल पहले शुरू की थी. कोरोना सकाल में रतन टाटा ने इनके बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए निवेश किया है. इससे पहले भी कई बार रतन टाटा ने इस तरह के स्टार्ट में निवेश किया है.
निवेश की राशि का नहीं हुआ खुलासा
जेनरिक आधार दवा का खुदरा कारोबार करती है. वह मैन्युफैक्चरर्स से दवा लेती है और रिटेलर्स को बेचती है. रतन टाटा ने इस स्टार्टअप में कितना निवेश किया, इसको लेकर फिलहाल खुलासा नहीं किया गया है. फिलहाल इस कंपनी का मकसद किफायती दवाओं को लोगों तक पहुंचाना है.
30 कंपनियों से कर रखी है पार्टनरशिप
कंपनी के बिजनेस मॉड्यूल की बात की जाए तो यह कंपनी मैन्युफैक्चरर्स से दवा लेती है और फार्मा रिटेलर्स को बेचती है. इससे 16-20 फीसदी होलसेलर मार्जिन खत्म हो जाती है. बता दें इस समय जेनरिक आधार ने मुंबई, पुणे, बेंगलुरु और ओडिशा के 30 फार्मा कंपनियों से पार्टनरशिप कर रखी है. साथ ही कंपनी के इस समय देशभर में 35 फ्रेंचाइजी स्टोर हैं.
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कंपनी का रेवेन्यू
बता दें इस समय कंपनी का सालाना रेवेन्यू 6 करोड़ रुपए है और अगले तीन सालों में इसे 150-200 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है.
कंपनी का आगे का क्या है प्लान
इसके अलावा कंपनी ने बताया कि आगे आने वाले समय में वह गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, नई दिल्ली, गोवा और राजस्थान जैसे राज्यों में 1000 फार्मेसी के साथ पार्टनरशिप करेगी और सस्ती दवा बेचेगी. फिलहाल कंपनी में इस समय 55 कर्मचारी हैं.
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डायबिटीज और हाइपरटेंशन की दवाइयां बेचती है कंपनी
यह मुंबई बेस्ड कंपनी है जो फार्मेसी-एग्रीगेटर बिजनेस मॉडल पर काम करती है. कंपनी मैन्यूफैक्चरर्स से सीधे जेनरिक दवाएं खरीदती है और उसे रिटेलरों को बेचती है. इस तरह बिचौलियों का काम खत्म हो जाता है. स्टार्टअप कंपनी मुख्य रूप से डायबिटीज और हाइपरटेंशन यानी बीपी की दवा कम कीमतों पर उपलब्ध कराती है. जल्द ही इसने बाजार भाव के कहीं कम दाम पर कैंसर की दवा उपलब्ध कराने की योजना बनाई है.
06:35 PM IST