अब श्रमिक भी बन सकेंगे कारोबारी, बिना ब्याज के मिलेगा 5 लाख रुपये का लोन
अब मजदूर भी खुद का व्यवसाय शुरू कर सकता है. इसके लिए उसे बिना ब्याज के 5 लाख रुपये तक का कर्ज मुहैया कराया जाएगा.
सरकार मजदूरों के बच्चों की शिक्षा और उनके पालन-पोषण पर ज्यादा ध्यान दे रही है.
सरकार मजदूरों के बच्चों की शिक्षा और उनके पालन-पोषण पर ज्यादा ध्यान दे रही है.
राजस्थान सरकार ने मजदूरों के जीवन में सुधार लाने के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया है. राज्य सरकार ने कहा है कि मजदूरों के उत्थान के लिए मजदूरों और उनके बच्चों के लिए शिक्षा और रोजगार से संबंधित कई योजनाएं शुरू की गई हैं.
राजस्थान के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा है कि राज्य सरकार ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के लिए कमेटी बना दी है जिसने अपनी सिफारिशें भी भेज दी हैं. उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार के पास 23,84,000 श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन है. रजिस्टर्ड श्रमिकों को सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम योजनाओं का लाभ मिलेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार मजदूरों के बच्चों की शिक्षा और उनके पालन-पोषण पर ज्यादा ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि अब प्रतियोगी परीक्षाओं में श्रमिक वर्ग के बच्चे भी आ रहे हैं. ऐसे प्रतिभावान बच्चों की पढ़ाई में पैसे की कमी अड़चन न बने, इसके लिए उनकी शिक्षा पर होने वाला सारा खर्च सरकार वहन करेगी.
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टीकाराम जूली ने बताया कि अब मजदूर भी खुद का व्यवसाय शुरू कर सकता है. इसके लिए उसे बिना ब्याज के 5 लाख रुपये तक का कर्ज मुहैया कराया जाएगा.
सरकार द्वारा घोषित की गई योजनाएं
- बच्चों को UPSC और RPSC की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू की तैयारी के लिए खर्चा दिया जाएगा.
- IIT, AIIMS और IIIT में चयनित होने वाले बच्चों को डिग्री कोर्स पर होने वाला खर्चा भी दिया जाएगा.
- चौखटियों पर मजदूरों के लिए छाया और पानी की व्यवस्था की जाएगी.
- सिलिकोसिस बीमारी के लिए विशेष अभियान चलाकर राज्य को सिलिकोसिस मुक्त बनाने का प्रयास किया जाएगा.
- मजदूर को व्यापार शुरू करने के लिए विभाग अधिकतम 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिलवाया जाएगा.
- विभिन्न सुविधाएं एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध करवाने के लिए श्रम विभाग का मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा.
- कारखानों में ओवरटाइम का पूरा लाभ दिलाने की व्यवस्था विकसित की जाएगी.
- बाल श्रम को खत्म करने के लिए जिला स्तर पर बाल श्रम टास्क फोर्स सक्रिय की जाएगी.
- मजदूरों के 6 से 14 साल के बच्चे कार्यस्थल पर नहीं जाएंगे, इसके इंतजाम किए जाएंगे.
- मजदूरों के बच्चों को नजदीक के सरकारी स्कूल या आंगनवाड़ी केंद्र में दाखिला दिलवा दिलवाया जाएगा.
- विदेश में मजदूरी के लिए जाने वाले मजदूरों को श्रम विभाग पासपोर्ट और वीजा पर होने वाला खर्च वहन करेगा.
- अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में मजदूरों के बच्चों के पदक जीतने पर 11 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा.
(रिपोर्ट- भरत राज/जयपुर)
04:41 PM IST