लॉकडाउन में दाल-आटे की नहीं होगी किल्लत, सरकार ने दी मिलों को चलाने की मंजूरी
राजस्थान सरकार ने लोगों को घर-घर तक सामान मुहैया कराने के उद्देश्य से ई-बाजार कोविड-19 (E Bazaar Covid 19) शुरू किया है.
राज्य में 1474 औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन का काम शुरू करने की मंजूरी दी गई है.
राज्य में 1474 औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन का काम शुरू करने की मंजूरी दी गई है.
लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान लोगों को खाने-पीने के सामान की कोई कमी न हो, इसके लिए राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने सूबे की करीब डेढ़ हजार आटा, दाल और तेल मिलों को चलाने की मंजूरी दे दी है.
उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में 1474 औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन का काम शुरू करने की मंजूरी दी गई है. इन यूनिट्स में से 647 आटा, बेसन, दाल, तेल और मसाला मिलों को तो पहले ही अनुमति दी गई थी तथा इनमें से ज्यादातर में उत्पादन भी जारी है.
उन्होंने बताया कि इन इकाइयों से राज्य में आटा, बेसन, सूजी, मैदा, मसाले, तेल आदि की कोई कमी नहीं है.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा आटा, दाल, तेल, मसाला आदि मिलों को चालू रखने का निर्णय किया गया था.
बता दें कि राजस्थान में कोरोना महामारी के मरीजों की संख्या अभी भी लगातार बढ़ रही है. इस महामारी की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ठोस कदम उठा रही है. यहां चीनी मिलों में हैंड सैनिटाइजर का उत्पादन किया जा रहा है. सरकार ने सैनिटाइजर बिक्री मूल्य भी तय किया हगुआ है. एक सैनिटाइजर की शीशी की थोक बिक्री कीमत 37.50 रुपये और फुटकर कीमत 50 रुपये तय की गई है.
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ई-बाजार कोविड-19
राजस्थान सरकार ने लोगों को घर-घर तक सामान मुहैया कराने के उद्देश्य से ई-बाजार कोविड-19 (E Bazaar Covid 19) शुरू किया है. इसके माध्यम से जयपुरवासी अपने आसपास की दुकानों से राशन सामग्री की होम डिलीवरी करवा सकते हैं.
09:25 PM IST