PM मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में बदलाव पर दिया जोर, कहा- कोरोना में कहां है UN?
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 8-9 महीने से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है. इस महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है?
पीएम ने कहा कि अगर हम बीते 75 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों का मूल्यांकन करें, तो कई उपलब्धियां दिखाई देती हैं. (जी बिजनेस)
पीएम ने कहा कि अगर हम बीते 75 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों का मूल्यांकन करें, तो कई उपलब्धियां दिखाई देती हैं. (जी बिजनेस)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) की जनरल असेंबली को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया. पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज पूरे विश्व समुदाय के सामने एक बहुत बड़ा सवाल है कि जिस संस्था का गठन तब की परिस्थितियों में हुआ था, उसका स्वरूप क्या आज भी प्रासंगिक है? पीएम नरेंद्र मोदी ने बदलती परिस्थितियों के मद्देनजर इस संगठन के स्वरूप और प्रासंगिता पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि अगर हम बीते 75 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों का मूल्यांकन करें, तो कई उपलब्धियां दिखाई देती हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 8-9 महीने से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है. इस महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? इतने बड़े संस्थान की जो एक प्रभावशाली जिम्मेदारी होनी चाहिए, वह कहां है?
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोग संयुक्त राष्ट्र में सुधार को लेकर जो प्रक्रिया चल रही है, उसके पूरा होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. भारत के लोग चिंतित हैं कि क्या ये प्रक्रिया कभी logical end तक पहुंच पाएगी. आखिर कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के decision making structures से अलग रखा जाएगा.
Addressing the @UN General Assembly. https://t.co/dvWANn20Mg
— Narendra Modi (@narendramodi) September 26, 2020
संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि एक ऐसा देश, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. एक ऐसा देश, जहां दुनिया की 18 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या रहती है. एक ऐसा देश, जहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अनेकों पंथ हैं, अनेकों विचारधाराएं हैं.
जिस देश ने वर्षों तक दुनिया की इकोनॉमी का नेतृत्व करने और सालों की गुलामी, दोनों को जिया है. जिस देश में हो रहे परिवर्तनों का प्रभाव दुनिया के बहुत बड़े हिस्से पर पड़ता है, उस देश को आखिर कब तक इंतजार करना पड़ेगा?
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उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है. यह हमारी संस्कृति, संस्कार और सोच का हिस्सा है. संयुक्त राष्ट्र में भी भारत ने हमेशा विश्व कल्याण को ही प्राथमिकता दी है. भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, तो वो किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होती.
07:19 PM IST