PM Modi शनिवार को मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन का करेंगे उद्घाटन, छह साल बाद होगा कार्यक्रम
Chief Ministers, Chief Justices Conference: सम्मेलन के उद्घाटन के बाद विभिन्न वर्क सेशन आयोजित किए जाएंगे जिनमें मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायाधीश एजेंडे में शामिल विषयों पर चर्चा करेंगे और आम सहमति तक पहुंचने का प्रयास करेंगे.
इस तरह के सम्मेलन आमतौर पर दो साल में आयोजित किए जाते हैं. (फाइल फोटो: पीटीआई)
इस तरह के सम्मेलन आमतौर पर दो साल में आयोजित किए जाते हैं. (फाइल फोटो: पीटीआई)
Chief Ministers, Chief Justices Conference: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की मौजूदगी में मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. यह कार्यक्रम छह साल बाद हो रहा है. सम्मेलन न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने का एक मंच है. अदालतों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए न्यायमूर्ति रमण के प्रस्ताव को सम्मेलन के एजेंडे का हिस्सा बनाया गया है.
ये विषय एजेंडे में हो सकते हैं शामिल
संबंधित कार्यक्रम से जुड़ी चीजों की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि न्यायिक वैकेंसी को भरने, लंबित मामलों, कानूनी सहायता सेवाएं और भविष्य के प्रारूप तथा ई-अदालत चरण-तीन जैसे विषय भी एजेंडे के शीर्ष में रखे गए हैं. न्यायमूर्ति रमण और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी दिन भर चलने वाले कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे.
2016 में हुआ था पिछला सम्मेलन
सम्मेलन के उद्घाटन के बाद विभिन्न वर्क सेशन आयोजित किए जाएंगे जिनमें मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायाधीश एजेंडे में शामिल विषयों पर चर्चा करेंगे और आम सहमति तक पहुंचने का प्रयास करेंगे. सामान्य तौर पर इस तरह के सम्मेलन हर दो साल में होते हैं लेकिन कुछ अपवाद भी हैं. पिछला सम्मेलन अप्रैल 2016 में आयोजित किया गया था. यह इससे पहले 2015 और इससे पहले 2013 में आयोजित किया गया था.
कुछ महीने पहले न्यायमूर्ति रमण ने अदालतों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के वास्ते भारतीय राष्ट्रीय न्यायिक अवसंरचना प्राधिकरण की स्थापना के लिए सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था. प्रस्तावित संगठन भारतीय अदालत प्रणाली के लिए कार्यात्मक बुनियादी ढांचे के नियोजन, निर्माण, विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए प्रारूप तैयार करने में एक केंद्रीय निकाय के रूप में कार्य करेगा.
सरकार ने हाल ही में संसद को सूचित किया था कि प्रस्ताव राज्यों को उनकी टिप्पणियों के लिए भेजा गया है क्योंकि उच्च न्यायालयों और निचली न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में राज्य सरकारों की प्रमुख भूमिका होती है.
08:50 PM IST