'चीतों की घर-वापसी'- एक क्लिक में जानिए सुबह से क्या-क्या हुआ, PM मोदी ने बताया कब तक देख पाएंगे इन चीतों को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया. इन चीतों को भारत लाने के लिए कई सालों से कोशिश हो रही थी और इन्हें यहां बसाने के लिए खास तैयारी की गई है.
(Image Source: ANI)
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शेरों की धरती कहे जाने वाले भारत में आखिरकार चीतों की आमद भी हो गई है. कभी एशियाई चीतों का घर हुआ करता था भारत, लेकिन बीसवीं सदी के 40वें-50वें दशक तक यह चीते यहां से विलुप्त हो गए. लेकिन 70 साल बाद फिर देश में इनको बसाने की कोशिश हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया. इन चीतों को भारत लाने के लिए कई सालों से कोशिश हो रही थी और इन्हें यहां बसाने के लिए खास तैयारी की गई है. इन आठ चीतों में से 5 मादा चीता हैं, वहीं 3 नर हैं.
आइए जानते हैं कुछ खास बातें और भारत में लैंड करने से लेकर रिलीज किए जाने तक का घटनाक्रम-
- इन चीतों को यहां लाने के लिए नामीबिया की राजधानी विंडहोक के एक गेम पार्क से लाया गया है. वहां से इन्हें पहले रोड से ले जाया गया और फिर यहां से उन्होंने चार्टर्ड बोइंग 747 से 11 घंटों की हवाई यात्रा तय की है.
- इन्हें लकड़ी के विशेष डिब्बों में बंद करके नामीबिया से यहां लाया गया है. आज सुबह इन्होंने ग्वालियर के एयरफोर्स स्टेशन पर लैंड किया और फिर वहां से इन्हें कूनो नेशनल पार्क ले जाया गया.
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- पीएम मोदी भी 10 बजे के आसपास ग्वालियर पहुंच गए थे. वहां से वो कूनो नेशनल पार्क पहुंचे. वहां उन्हें एक आर्मी हैट में देखा गया.
- पीएम वहां बने एक ऊंचे बाड़े पर पहुंचे, जिसके नीचे चीतों के बक्से रखे थे. उन्होंने एक लीवर घुमाकर बक्सों के दरवाजे हटाए, जिसमें से चीते खुले जंगल के लिए निकल गए.
- इन चीतों को रिलीज करने के बाद पीएम ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में देशवासियों को बधाई दी.
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पीएम मोदी ने चीतों के स्वागत पर क्या कहा?
PM ने कहा कि "दशकों पहले, जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है. आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं. और मैं ये भी कहूँगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृतिप्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है."
उन्होंने आगे कहा कि "ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ. आज आजादी के अमृतकाल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है."
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आम जनता कब देख पाएगी इन चीतों को
अब जब ये चीते आ गए हैं तो वाइल्ड लाइफ प्रेमियों को यह उत्सुकता होगी कि अब वो यहां कब जा सकेंगे. इसपर पीएम मोदी ने कहा कि इसमें कुछ वक्त लगेगा. उन्होंने कहा कि PM मोदी ने कहा कि "कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा. आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं. कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा."
पीएम मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है. हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है.
12:59 PM IST