केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 9वीं और 10वीं कक्षा में छात्रों को विषय चुनने का विकल्प दिया है. CBSE से संबद्ध स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए सीबीएसई द्वारा इस आशय का नोटिफिकेशन जारी किया गया है.
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विषय कौशल
नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों को इन 9 विषयों में से अभी के मौजूदा 5 विषय, अनिवार्य विषय के रूप में दिए जाएंगे. 5 अनिवार्य विषयों के अलावा छठा विषय कौशल (Skilled education) से जुड़ा है. सातवां विषय तीसरी भाषा के तौर पर छात्र ले सकते हैं.
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आंतरिक मूल्यांकन
आर्ट एजुकेशन, हेल्थ और फिजिकल एजुकेशन और वर्क एक्सपीरियंस को आठवें और नौवें पाठ्यक्रम विषय के तौर पर लिया जा सकता है. आठवें और नौंवे विषय का आंतरिक मूल्यांकन स्कूल स्तर पर किया जाएगा.
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ग्रुप वाइज रखे विषय
सभी विषयों को ग्रुप वाइज रखा गया है. अब छात्र ग्रुप के अनुसार ही अपने विषयों का चयन कर पाएंगे. यह सुविधा मिलने से छात्रों को मुख्य विषय, वैकल्पिक विषय और भाषा विषय को चुनने में मदद मिलेगी.
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विषय चुनने में कठिनाई
CBSE के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "छात्रों को विषयों को चुनने में कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. विषयों का चयन करने के लिए छात्र अपने अभिभावकों, वरिष्ठ साथियों या शिक्षकों पर निर्भर रहते हैं. हालांकि विषयों को अब ग्रुपों में बांट दिया गया है, जिससे छात्र अपने विषय का चयन आसानी से कर सकेंगे."
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5 विषय में बनेगा रिजल्ट
हालांकि 9 विषय होने के बावजूद छात्रों का रिजल्ट पांच विषयों की परीक्षाओं में मिले अंकों के आधार पर ही तय होगा. यानी बोर्ड का रिजल्ट पांच विषयों पर ही जारी होगा. इनमें पांच अनिवार्य विषय के अलावा दो भाषा शामिल हैं. बोर्ड की मानें तो 10वीं स्तर से ही कौशल आधारित शिक्षा देने के लिए बाकी विषय को जोड़ा गया है. (@reuters)
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