भारतीय कंपनियों के खिलाफ नेपाल ने उठाया कड़ा कदम, इन 16 दवा कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, जानिए पूरा मामला
Nepal Drug Ban: नेपाल ने भारत की 16 दवा कंपनियों पर WHO की गुड मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस का पालन नहीं करने को लेकर प्रतिबंध लगाया है.
(Source: Pixabay)
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Nepal Drug Ban: नेपाल ने भारत की दवा कंपनियों को लेकर कड़ा कदम उठाया है. नेपाल के ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की कंपनी दिव्य फॉर्मेसी (Divya Pharmacy) सहित 16 भारतीय दवा कंपनियों की एक लिस्ट पब्लिश की है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के गुड मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस को फॉलो करने में विफल रही है. नेपाल के एलोपैथिक और आयुर्वेद दवा मार्केट के रेगुलेटर इस डिपार्टमेंट द्वारा जारी किए गए इन भारतीय कंपनियों को नेपाल में दवा इम्पोर्ट करने की मंजूरी नहीं मिलेगी.
काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के स्पोक्सपर्सन संतोष केसी ने कहा, "उन दवा कंपनियों के मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी का निरीक्षण किया, जिन्होंने हमारे देश में अपने प्रोडेक्ट को निर्यात करने के लिए अप्लाई किया था. जिसके बाद विभाग ने उन कंपनियों की लिस्ट जारी की है, जो WHO के गुड मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस का पालन नहीं करते हैं."
इन कंपनियों को किया गया बैन
दिव्या फार्मेसी के अलावा, इस लिस्ट में रेडियंट पैरेन्टेरल्स लिमिटेड, मरकरी लेबोरेटरीज लिमिटेड, एलायंस बायोटेक, कैपटैब बायोटेक, एग्लोमेड लिमिटेड, ज़ी लेबोरेटरीज लिमिटेड, डैफोडील्स फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, जीएलएस फार्मा लिमिटेड, यूनीजुल्स लाइफ साइंस लिमिटेड, कॉन्सेप्ट फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट, श्री आनंद लाइफ साइंसेज लिमिटेड, आईपीसीए लेबोरेटरीज लिमिटेड, कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड, डायल फार्मास्युटिकल्स, एग्लोमेड लिमिटेड और मैकुर लेबोरेटरीज लिमिटेड का भी नाम है.
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क्यों लगा कंपनियों पर बैन
नेपाल के ड्रग डिपार्टमेंट ने कहा कि उसने जिन भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें से कुछ कंपनियां पहले से रजिस्टर्ड हैं और कुछ नई कंपनियां है. रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ कंपनियों के प्रोडक्ट रेगुलेटरी रिक्वायरमेंट्स को पालन नहीं करते हैं और कुछ कंपनियां अच्छी मैन्यूफैक्चरिंग प्रैक्टिस को फॉलो नहीं करते हैं. इनमें कुछ कंपनियों के उत्पादों का इस्तेमाल क्रिटिकल केयर, डेंटल कार्ट्रिज और टीकों में भी किया जाता है.
विभाग ने इसी के साथ 46 दवा निर्माण कंपनियों की एक सूची भी प्रकाशित की है, जो डब्ल्यूएचओ की अच्छी निर्माण प्रथाओं का अनुपालन करती पाई गई हैं. नेपाल ड्रग डिपॉर्टमेंट देशी और विदेशी दोनो तरह की दवा कंपनियों के अच्छे मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस को लगातार चेक करती रहती है.
पहले भी लिए हैं ऐसे फैसले
कुछ महीने पहले भी विभाग ने दवा निरीक्षकों को एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित खांसी के सिरप के आयात और बिक्री को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने के लिए सतर्क किया था, क्योंकि कथित तौर पर सिरप का सेवन करने पर गाम्बिया में गुर्दे की विफलता से बच्चों की मृत्यु हो गई थी. यह कदम विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा चार खांसी की दवाईयों के बारे में वैश्विक चेतावनी के बाद उठाया गया, जो पश्चिम अफ्रीकी देश में जुलाई, अगस्त और सितंबर में बच्चों की मौत से जुड़ा हो सकता है.
07:00 PM IST