सड़क हादसे में घायल लोगों के लिए मोदी सरकार की खास योजना, बिना खर्च होगा पूरा इलाज
देश में हर साल करीब पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. यह दुनिया में सबसे ज्यादा है. इन आंकड़ों को देखते हुए मोदी सरकार का यह कदम काफी बड़ा और महत्वपूर्ण है.
सरकार का मकसद है कि सड़क दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को तुरन्त इलाज मिल सके.
सरकार का मकसद है कि सड़क दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को तुरन्त इलाज मिल सके.
सड़क दुर्घटना पीड़ितों (Road Accidents In India) के लिए केंद्र सरकार जल्द कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू करने जा रही है. हर मामले में इलाज की अधिकतम सीमा 2.5 लाख रुपए होगी. देश में हर साल करीब पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. यह दुनिया में सबसे ज्यादा है. इन आंकड़ों को देखते हुए मोदी सरकार का यह कदम काफी बड़ा और महत्वपूर्ण है. हर साल सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है और तीन लाख लोग अपंग हो जाते हैं.
सरकार का मकसद है कि सड़क दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को तुरन्त इलाज मिल सके. इससे उसकी जान बचाने में मदद मिलेगी. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों के परिवहन सचिवों और आयुक्तों को भेजे पत्र में कहा है कि कैशलेस ट्रीटमेंट की योजना के लिए उसके तहत एक मोटर वाहन राहत कोष (Motor vehicle relief fund) बनाया जाएगा. सड़क दुर्घटना कोष पिछले साल संसद में पारित संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के प्रमुख प्रावधानों में से एक था.
जनरल इंश्योरेंस कंपनी करेगी मदद
मोटर व्हीकल रिलीफ फंड में रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के योगदान के अलावा जनरल इंश्योरेंस कंपनी का हिस्सा होगा. बीमाकृत वाहनों और हिट एंड रन मामलों में दुर्घटनाओं के कारण पीड़ितों पर होने वाले खर्च को GIC वहन करेगी. सड़क परिवहन मंत्रालय दुर्घटनाग्रस्त वाहनों पर होने वाले खर्च को वहन करेगा.
सड़क परिवहन मंत्रालय इसके लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) की मदद लेगा. NHA ने ही आयुष्मान भारत PM जन आरोग्य योजना को लागू किया था. NHA के मजबूत आईटी प्लेटफॉर्म को सड़क यातायात दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को कैशलेस इलाज देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. घायल का इलाज करने के बाद अस्पताल की तरफ से आए क्लेम को भी NHA सेटल करेगा.
इंश्योरेंस नहीं तो खुद उठाना होगा खर्च
सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों के लिए ट्रामा और हेल्थकेयर सेवाओं को एक खाते के जरिए फंड दिया जाएगा. प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी का बीमा नहीं होगा तो मुआवजे के तौर पर इलाज का खर्च गाड़ी मालिकों को देना होगा.
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एक दिन में औसतन 1200 रोड एक्सीडेंट्स
नोटिफिकेशन के मुताबिक, भारत में सड़क दुर्घटनाओं के की वजह से हर साल 1,50,000 से ज्यादा लोग मारे जाते हैं. परिवहन मंत्रालय के अनुसार, भारत में हर दिन औसतन 1,200 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और लगभग 400 लोग अपनी जान गंवा देते हैं.
11:47 AM IST