मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि, भूटान-बांग्लादेश के बीच होगा जलमार्ग से व्यापार
केंद्र की मोदी सरकार विकास के मोर्चे पर महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करने और उसे पूरा करने के लिए जानी जाती है.
नए वाटरवेज से परिवहन लागत में 30 प्रतिशत तक की कमी आएगी (फोटो- पीआईबी).
नए वाटरवेज से परिवहन लागत में 30 प्रतिशत तक की कमी आएगी (फोटो- पीआईबी).
केंद्र की मोदी सरकार विकास के मोर्चे पर महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करने और उसे पूरा करने के लिए जानी जाती है. सरकार को ऐसी ही एक कामयाबी शुक्रवार को मिली. भारत ने भूटान और बंगलादेश को भारतीय नदी मार्ग से जोड़ दिया है. पोत परिवहन मंत्री मनसुख लाल मांडवीय ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भूटान से बंगलादेश के लिए 1000 टन छोटे पत्थरों से लदे माल वाहक पोत को रवाना किया गया. इस जल मार्ग से सामान जल्दी पहुंचेगा और लागत में 30 प्रतिशत तक की कमी आएगी.
ब्रह्मपुत्र नदी जल-मार्ग (राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-2) से यह सेवा यातायात मार्ग के विषय में भारत-बांग्लादेश समझौते के अनुसार शुरू की जा रही है. भारत के जहाजरानी विभाग के अनुसार पहले जहाज में भूटान का माल नदी मार्ग से बांग्लादेश पहुंचेगा. यह अपने किस्म की पहली सेवा है जिसमें एक भारतीय जल मार्ग का इस्तेमाल कर पहाड़ी देश भूटान और बांग्लोदश के बीच माल परिवहन किया जा रहा है.
Minister of State (I/C) for @shipmin_india, @mansukhmandviya digitally flagged-off Inland Waterways Authority of India Ship carrying cargo from #Bhutan to #Bangladesh over Brahmaputra , Indo Bangla Protocol Route.
— PIB India (@PIB_India) July 12, 2019
Details here: https://t.co/obLxr2hBDI pic.twitter.com/ZVV5EGmGlT
पहली खेप में भूटान से एक हजार टन पत्थर की रोड़ी असम के धूबरी घाट से बांग्लादेश के नारायणगंज बंदरगाह पर पहुंचाई जाएगी. यह माल भूटान में फूएंत्शोलिंग से ट्रकों से 160 किलोमीटर दूर धूबरी से पहुंचा कर जहाज पर लादा गया है. जलमार्ग से ढुलाई सस्ती और पर्यावरण अनुकूल है.
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बंगलादेश अपने यहां चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए अभी तक भूटान से सड़क मार्ग से पत्थरों का आयात करता था. भारत की मदद से पहली बार नदी मार्ग से पत्थरों की ढुलाई का काम किया जा रहा है. मांडवीय ने इस मौके पर कहा कि जल मार्ग से माल ढुलाई के क्षेत्र में भारत ने इतिहास रच दिया है. उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ भारत को फायदा होगा बल्कि भूटान तथा बंगलादेश के साथ संबंध भी मजबूत होंगे. सड़क मार्ग की तुलना में दोनों देशों के बीच जल मार्ग से पत्थरों की ढुलाई का काम आठ दस दिन पहले हो जाएगा और इससे लागत में 30 प्रतिशत की कमी भी आएगी.
03:00 PM IST