वित्त मंत्रालय ने कहा-मिनिस्ट्री और डिपार्टमेंट घटाएं गैर-जरूरी खर्च, दी यह सलाह
सरकार ने मिनिस्ट्री और डिपार्टमेंट से सलाहकारों की नियुक्ति की समीक्षा करने, आयोजनों में कटौती करने और छपाई के लिए इम्पोर्टेड कागज का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी है.
नए पदों के सृजन के बारे में कहा गया है कि इनपर बैन रहेगा. (रॉयटर्स)
नए पदों के सृजन के बारे में कहा गया है कि इनपर बैन रहेगा. (रॉयटर्स)
चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे में भारी बढ़ोतरी की आशंका के बीच सरकार ने शुक्रवार को सभी मिनिस्ट्री और डिपार्टमेंट (Ministry and Departments) से गैर-जरूरी खर्चों को कम करने को कहा है. सरकार ने मिनिस्ट्री और डिपार्टमेंट से सलाहकारों की नियुक्ति की समीक्षा करने, आयोजनों में कटौती करने और छपाई के लिए इम्पोर्टेड कागज का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, व्यय विभाग ने कहा कि वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने खर्च के बेहतर मैनेजमेंट पर ये निर्देश सरकारी खर्च की क्वालिटी को सुधारने, गैर-विकासात्मक खर्च को कंट्रोल करने और जरूरी प्रायोरिटी वाली स्कीम्स के लिए पर्याप्त संसाधन तय करने को ध्यान में रखते हुए दिए हैं.
डिपार्टमेंट की तरफ से जारी एक ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया है कि मौजूदा राजकोषीय स्थिति तथा सरकार के संसाधनों पर दबाव को देखते हुए गैर-जरूरी खर्चों को कम करने और तर्कसंगत बनाने की जरूरत है. ताकि जरूरी खर्च के लिए संसाधन सुनिश्चित किए जा सकें. प्रशासनिक खर्चों के बारे में व्यय विभाग ने सुझाव दिया है कि किसी तरह की छपाई या पुस्तकों, प्रकाशनों तथा डॉक्यूमेंट छपाई के लिए इम्पोर्टेड कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाए. सिर्फ विदेशों में मौजूद भारतीय मिशनों को इसमें छूट होगी.
मंत्रालय ने कहा कि स्थापना दिवस पर समारोहों आदि पर खर्च को कम किया जाना चाहिए. यदि समारोह का आयोजन जरूरी हो, तो खर्च सीमित किया जाना चाहिए. किसी भी स्थिति में इस तरह के समारोहों के लिए ट्रैवल, बैग या स्मृति चिह्र से बचा जाना चाहिए.
वित्त मंत्रालय के तहत व्यय विभाग ने सभी मिनिस्ट्री या डिपार्टमेंट से पर्लनल सलाहकारों की सामान्य वित्तीय नियमों (जीएफआर) के तहत की गई नियुक्तियों की समीक्षा करने और इन सलाहकारों की संख्या जरूरत के हिसाब से कम से कम करने को कहा है. मंत्रालय ने कहा कि सलाहकारों की फीस तय करते समय इस बात की सावधानी बरती जाए कि इससे उनके द्वारा किए जाने वाले काम की क्वालिटी और उसकी क्वांटिटी पर असर नहीं हो.
नए पदों के सृजन के बारे में कहा गया है कि इनपर बैन रहेगा. कुछेक मामलों में व्यय विभाग की परमिशन से नए पदों का सृजन किया जा सकता है. मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यदि 1 जुलाई, 2020 के बाद यदि कोई नया पद बनाया गया है, जिसके लिए व्यय विभाग की मंजूरी नहीं ली गई है, और इस पर यदि नियुक्ति नहीं हुई है, तो इसे खाली ही रखा जाए. अगर इस पर नियुक्ति बेहद जरूरी है, तो इसके लिए व्यय विभाग की मंजूरी ली जाए.
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इससे पहले इसी सप्ताह वित्त मंत्रालय ने मिनिस्ट्री या डिपार्टमेंट, सरकारी कंपनियों और सरकारी बैंकों को कैलेंडर, डायरियां, ग्रीटिंग कार्ड की छपाई नहीं करने का निर्देश दिया था. इसके अलावा मंत्रालय ने कॉफी-टेबल बुक की छपाई को भी प्रतिबंधित करते हुए कहा था कि इसके बजाय ई-बुक का इस्तेमाल किया जा सकता है.
11:10 PM IST