Hindenburg Research का नया आरोप- माधबी पुरी बुच ने Whole Time SEBI चेयरपर्सन बनने के बाद 4 कंपनियों से लिया पेमेंट- ये रहे नाम
Hindenburg research: आरोप है कि SEBI चेयरपर्सन ने Whole-Time Member (WTM) के रूप में कार्यरत रहते हुए अपनी निजी कंसल्टिंग फर्म के जरिए कई लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट हासिल किया. बुच की इस कंसल्टिंग फर्म में 99% हिस्सेदारी है.
Hindenburg research: SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. अब उनके खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च ने नए और गंभीर आरोप लगए हैं. आरोप है कि SEBI चेयरपर्सन ने Whole-Time Member (WTM) के रूप में कार्यरत रहते हुए अपनी निजी कंसल्टिंग फर्म के जरिए कई लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट हासिल किया. बुच की इस कंसल्टिंग फर्म में 99% हिस्सेदारी है. हिंडनबर्ग के मुताबिक, बुच ने कुल 4 बड़ी और लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट लिया.
किन कंपनियों से लिया गया पेमेंट?
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में जिन कंपनियों के नाम सामने आए हैं, वे भारत के बड़े कॉरपोरेट्स हैं. ये सभी कंपनियां SEBI के रेगुलेशन के अंतर्गत आती हैं और SEBI चेयरपर्सन की कंसल्टिंग फर्म पर इन सभी से पेमेंट लेने का आरोप हैं.
- महिंद्रा एंड महिंद्रा
- ICICI बैंक
- डॉ. रेड्डी लैबोरेट्रीज
- पिडिलाइट इंडस्ट्रीज
New allegations have emerged that the private consulting entity, 99% owned by SEBI Chair Madhabi Buch, accepted payments from multiple listed companies regulated by SEBI during her time as SEBI Whole-Time Member.
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) September 11, 2024
The companies include: Mahindra & Mahindra, ICICI Bank, Dr.…
सिंगापुर में भी एक कंसल्टिंग फर्म
खास बात यह है कि अभी तक बुच की सिंगापुर स्थित कंसल्टिंग फर्म से जुड़े किसी मामले का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन भारतीय कंसल्टिंग फर्म पर लगे आरोपों ने निवेशकों में बड़ी हलचल मचा दी है.
बुच की चुप्पी
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माधबी पुरी बुच ने इन आरोपों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है, और पिछले कई हफ्तों से लगातार लग रहे आरोपों को लेकर पूरी तरह मौन हैं. इससे पहले भी हिन्डनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के बीच SEBI चेयरपर्सन का नाम सामने आया था.
सेबी और हिन्डनबर्ग का मामला
हिन्डनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने पहले अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं और स्टॉक मैनिपुलेशन के गंभीर आरोप लगाए थे. इस रिपोर्ट के बाद SEBI पर अडानी समूह की सही ढंग से जांच न करने का आरोप भी लगाया था. SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर जांच की धीमी गति और निष्पक्षता पर सवाल उठे थे. इन आरोपों के बाद से SEBI की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं. इसके अलावा SEBI अधिकारियों ने भी चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप लगाए थे. टॉक्सिक वर्क कल्चर को लेकर भी मामला PAC के सामने पहुंचा है. इन आरोपों ने SEBI की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़ा किया है.
08:53 AM IST