सुप्रीम कोर्ट का फैसला- अयोध्या में विवादित भूमि पर बनेगा राम मंदिर, मुस्लिम पक्ष को अलग जमीन
अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, ने फैसला पढ़ना शुरू किया. सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसला दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि विवादित जमीन का बटवारा नहीं किया जाएगा. CJI ने कहा केंद्र सरकार 3 महीने में योजना बनाए.
अयोध्या फैसले पर यहां देखिए पल - पल की खबर (फाइल फोटो)
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अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, ने फैसला पढ़ना शुरू किया. सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसला दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि विवादित जमीन का बटवारा नहीं किया जाएगा. CJI ने कहा केंद्र सरकार 3 महीने में योजना बनाए. मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह जमीन दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ का ये फैसला है.
दी कानूनी मान्यता
कोर्ट ने रामलला विराजमान को कानूनी मान्यता दी. हिंदुओं की ये आस्था कि श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ है, इस पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि 1885 से पहले राम चबूतरे पर हिंदुओं का अधिकार था. अहाते और चबूतरे पर हिंदुओं का अधिकार साबित होता है. 18वीं सदी तक नमाज पढ़े जाने के सबूत नहीं हैं. सीता रसोई की भी पूजा अंग्रेजों के आने से पहले हिंदू करते थे.
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केंद्र सरकार को दिए ये निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटने का जो फैसला दिया वो तार्किक नहीं था. कोर्ट ने मुस्लिमों को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश दिया. जमीन का बंटवारा नहीं किया जाएगा. केंद्र सरकार तीन महीने में मंदिर निर्माण के लिए योजना बनाए.
राम मंदिर मामले में शियाबोर्ड की याचिका खारजि की गई.
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चीफ जस्टिस ने कहा कि विवादित ढांच के नीचे मंदिर होने के सबूत मिले हैं. CJI ने कहा कि आस्था और विश्वास पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि खुदाई में मिले सबूतों की अनदेखी नहीं कर सकते हैं.
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देश का सबसे पुराना मामला
यह देश का सबसे पुराना मामला है और इस मामले में 40 दिनों तक नियमित सुनवाई हुई थी. यह सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में अब तक की दूसरी सबसे लंबी चली सुनवाई थी. सबसे लंबी सुनवाई का रिकॉर्ड 1973 के केशवानंद भारती केस का है, जिसमें 68 दिनों तक सुनवाई चली थी.
गृहमंत्री ने बैठक बुलाई
गृहमंत्री अमित शाह ने अपने घर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई. एनएसए अजीत डोभाल, आईबी चीफ, अरविंद कुमार और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी बैठक में हिस्सा लेंगे.
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फैसले का सम्मान करने की अपील
रामलला विराजमान के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने कहा,'मैं अपील करता हूं कि सभी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें और शांति बनाएं रखें. प्रधानमंत्री ने सही कहा है कि अयोध्या मामले में फैसला किसी की हार या जीत नहीं है.'
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ज़ी ब़िजनेस की अपील- सबसे बड़े फैसले पर सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखें
जी बिजनेस की ओर से देश के लोगों से सबसे बड़े फैसले पर सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने की अपील की गई है. जी बिजनेस की ओर से अपील की गई है कि सबसे बड़े फैसले का सम्मान करें और शांति बनाये रखें.
11:36 AM IST