इसरो ने लांच किया नया उपग्रह, जानिए कैसे बदल जाएगा आपका जीवन
इंडियन स्पेस एजेंसी (इसरो) ने अपने संचार उपग्रह जीसेट-31 को सफलता पूर्वक अंतरिक्ष में लांच कर दिया है. बुधवार सुबह 2.31 बजे फ्रांस के गुयाना में स्थित कॉरो से यूरोपियन प्रक्षेपण यान एरियन स्पेस रॉकेट के जरिए उपग्रह की लांचिंग की गई. 42 मिनट बाद उपग्रह कक्षा में स्थापित हो गया.
इसरो ने लांच की ये सेटलाइट, इसमें हैं कई खूबियां (फाइल फोटो)
इसरो ने लांच की ये सेटलाइट, इसमें हैं कई खूबियां (फाइल फोटो)
इंडियन स्पेस एजेंसी (इसरो) ने अपने संचार उपग्रह जीसेट-31 को सफलता पूर्वक अंतरिक्ष में लांच कर दिया है. बुधवार सुबह 2.31 बजे फ्रांस के गुयाना में स्थित कॉरो से यूरोपियन प्रक्षेपण यान एरियन स्पेस रॉकेट के जरिए उपग्रह की लांचिंग की गई. 42 मिनट बाद उपग्रह कक्षा में स्थापित हो गया. 2019 में इसरो का यह तीसरा सफल मिशन है. यह उपग्रह इनसैट 4सीआर की जगह लेगा. यह उपग्रह कुछ दिनों में काम करना बंद करने वाला है.
आपके काफी काम का है ये सेटलाइट
उपग्रह जीसेट-31 के लांच किए जाने से हमारे और आपके जीवन पर आने वाले दिनों में काफी असर पड़ेगा. इस सेटेलाइट के जरिए वीसेट नेटवर्क, टीवी अपलिंक, डिजीटल सैटेलाईट न्यूज गैदरिंग, डीटीएच टीवी सर्विस सेलुलर बैक हाल कनेक्टिविटी जैसी तमाम सेवाएं और ज्यादी प्रभावी ढंग से काम करेंगी. वर्तमान समय में देश के कई डीटीएच ऑपरेटर विदेशी सेटेलाइटों को किराए पर ले कर आपको सेवाएं उपलब्ध कराते हैं. देश के पास पहले से अधिक क्षमता होगी जिसके जरिए आपको डीटीएच या टीवी अपलिंकिंग जैसी सेवाएं उपलपब्ध कराई जा सकें. वहीं देश के लिए इस सेटलाइट का सामरिक महत्व भी होगा.
जानिए इस सेटलाइट का कितना है वजन
जीसेट-31 उपग्रह 2535 किलो वजन का है. यह इसरो की इनसेट और जीसेट उपग्रह श्रंखला की अगली कड़ी है. इसके जरिए भारतीय महाद्वीप के साथ उप द्वीप को कवर किया जाएगा. यह भारत सा 40वां संचार उपग्रह है. इसरो की आई-2के बस में इसे शामिल किया गया है.
TRENDING NOW
Indian Space Research Organisation: India’s latest communication satellite, GSAT-31 was successfully launched from the Spaceport in French Guiana at 2:31 am today. pic.twitter.com/0S5eXooIAF
— ANI (@ANI) February 5, 2019
15 सालों तक काम करेगा ये उपग्रह
इसरो के अनुसार यह उपग्रह 15 सालों तक काम करता रहेगा. इसके जरिए अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद मगासागर के इलाके में संचार क्षमता बढ़ेगी. इसरो के मुताबिक जमीनी इलाके पर नजर रखने के लिए दो कू-बैंड डाउनलिंक सिगनल भी भेजे गए हैं.
09:21 AM IST