रेलवे स्टेशनों पर सिर्फ कुल्हड़ में मिलेगी चाय, रेल मंत्री ने किया ये ऐलान
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि आने वाले समय में देश के हर रेलवे स्टेशन पर कुल्हड़ में ही चाय मिलेगी.
रेलवे स्टेशन पर सिर्फ कुल्हड़ में मिलेगी चाय (फाेटो - प्रतिकात्मक)
रेलवे स्टेशन पर सिर्फ कुल्हड़ में मिलेगी चाय (फाेटो - प्रतिकात्मक)
रेल मंत्री पीयूष गोयल (Railway Minister Piyush Goyal) ने रविवार को कहा कि आने वाले समय में देश के हर रेलवे स्टेशन (Indian Railways) पर कुल्हड़ (plastic-free Kulhad) में ही चाय मिलेगी. राजस्थान (Rajasthan) के अलवर में ढिगावड़ा रेलवे स्टेशन (Dhigavada Railway station) पर ढिगावड़ा - बांदीकुई रेलखंड (Bandikui railway block) पर विद्युतीकृत (electrified) रेलमार्ग के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, ‘‘आज देश में लगभग 400 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती है.
स्टेशनों पर सिर्फ कुल्हड़ में चाय मिलेगी (Tea in Kulhad at Railway stations)
आगे चलकर हमारी योजना है कि देश के हर रेलवे स्टेशन पर सिर्फ कुल्हड़ (Tea in Kulhad) में चाय बिकेगी. प्लास्टिक मुक्त भारत में रेलवे का भी यह योगदान रहेगा. इससे लाखों भाई बहनों को रोजगार (employment) मिलता है. उन्होंने कहा कि पहले एक जमाना था जब रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती थी. ये पर्यावरण (environment) के लिहाज से भी बेहतर था और गंदगी भी कम होती थी.
खादी ग्रामोद्योग विभाग मिलकर करेंगे काम (Khadi Village Industries Department)
2014 में नरेन्द्र मोदी (PM modi) की सरकार आने के बाद एक बार फिर से प्लास्टिक के इस्तेमाल में कमी करके मिट्टी के कुल्हड़ को प्रोत्साहित किया जा रहा है. रेल मंत्री ने कहा कि खादी ग्रामोद्योग विभाग (KVIC) के लोगों ने रेलवे के साथ मिलकर इस कार्य को गति दी है. गोयल ने कहा, ‘‘मैं अभी कुल्हड़ में चाय पी रहा था. वास्तव में कुल्हड़ में चाय पीने का स्वाद ही कुछ और होता है. और पर्यावरण को भी आप बचाते हो.
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भारतीय रेलवे (Indian Railways) 2030 तक "हरित रेलवे" (Green Railway) बनने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है. रेलवे ने 2030 तक जीरो कार्बन एमीशन (zero carbon emission) का लक्ष्य रखा है. रेलवे ने दिसंबर 2023 तक सभी ब्रॉड गेज रूटों (broad gauge routes) का इलेक्ट्रिफिकेशन करने का ऐलान किया है. वहीं रेलवे बड़े पैमाने पर हवा और सूरज की रोशनी से बिजली उत्पादन करने के प्लान पर भी काम कर रहा है. रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारतीय रेलवे ने 40,000 से अधिक रूट किलोमीटर (व्यस्त मार्गों का 63% इलेक्ट्रिफिकेशन) पूरा कर लिया है. रेलवे ने 2009 से लेकर 2014 तक 3,835 किमी की तुलना में 2014-20 के दौरान 18,605 किमी रेल मार्ग का इलेक्ट्रिफिकेशन किया है. कोविड के समय में 365 किमी महत्वपूर्ण रेलवे ट्रैकों का काम पूरा किया गया.
05:10 PM IST