आपके बैंक अकाउंट ही नहीं हेल्थ रिकॉर्ड पर भी हैकर्स की है नजर, जरा सी लापरवाही से हो जाएगा भारी नुकसान
Hackers to Steal Health Data: एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हैकर्स की नजर आपके हेल्थ डेटा पर भी है. जानिए क्या कहती है ये रिपोर्ट.
सुरक्षित नहीं है आपका हेल्थ डेटा. (Source: Reuters)
सुरक्षित नहीं है आपका हेल्थ डेटा. (Source: Reuters)
Hackers to Steal Health Data: कोरोना महामारी के बाद अब हैकर्स की नजर आपके बैंक अकाउंट ही नहीं बल्कि हेल्थ रिकॉर्ड पर भी है. एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महामारी के बाद अस्पताल और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली हैकर्स के लिए एक प्रमुख टार्गेट बन गए हैं और इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड (EHR) सिस्टम में मरीजों का डेटा खींचने वाले थर्ड पार्टी के एप हैकिंग की चपेट में हैं.
एप सिक्योरिटी कंपनी अप्रूव (Approov) के रिसर्चर्स थर्ड पार्टी एप के माध्यम से 25,000 से अधिक प्रोवाइडर्स के 4 मिलियन से अधिक रोगियों और डॉक्टर्स के रिकॉर्ड तक पहुंचने में सक्षम थे, जो डेटा निकालने के लिए अस्पताल के हेल्थ रिकॉर्ड से जुड़ते हैं.
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40 लाख यूजर्स का डेटा किया एक्सेस
समाचार एजेंसी IANS की एक खबर के मुताबिक, "साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट एलिसा नाइट (Alissa Knight) ने डेटा एग्रीगेटर्स के एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस में कमजोरियों का फायदा उठाकर 4 मिलियन से अधिक रोगी और डॉक्टर्स के रिकॉर्ड तक पहुंच प्राप्त किया, साथ ही संबंधित एप जो दवाओं को ट्रैक करते हैं और रोगी का रिकॉर्ड साझा करते हैं."
मरीजों के इन डेटा को किया एक्सेस
मरीजों के इस रिकॉर्ड में डेमाग्राफी,लैब रिजल्ट्स, मेडिकेशन, प्रोसेजर्स, एलर्जी और भी बहुत कुछ शामिल है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सामूहिक रूप से टेस्ट किए गए टूल्स प्रमुख EHR सिस्टम का डेटा पढ़ और लिख सकते हैं.
नाइट ने फास्ट हेल्थकेयर इंटरऑपरेबिलिटी रिसोर्सेज (FHIR) स्टैंडर्ड का उपयोग करके बनाए गए एप्स में कमजोरियों की जांच की.
FHIR मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्य जॉन मोहरके ने कहा, "उन्हें इन थर्ड पार्टी एप से डेटा लेने के लिए एडवांस्ड साइबर सिक्योरिटी हैकिंग का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं थी. उन्होंने सिर्फ बेसिक चीजों का इस्तेमाल किया था, जो साइबर सिक्योरिटी के नए लोग भी इस्तेमाल कर सकते हैं."
सुरक्षित नहीं हैं थर्ड पार्टी एप
अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में रखे गए इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड पूरी तरह से सुरक्षित हैं. लेकिन जैसे ही कोई मरीज अपने हेल्थ डेटा को थर्ड पार्टी के इस्तेमाल की अनुमति देता है, जैसे वो प्रोग्राम जो आपकी मेडिकेशन को ट्रैक करते हैं, हैकर्स के लिए इसका इस्तेमाल करना आसान हो जाता है.
पिछले साल महामारी के दौरान हेल्थकेयर सर्विस इंडस्ट्री पर हैकिंग के प्रयास बढ़ने लगे थे. हेल्थ और ह्यूमन सर्विस (HHS) के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में हेल्थकेयर संगठनों में डेटा उल्लंघन से हर महीने लगभग 1 मिलियन लोग प्रभावित हुए थे.
07:50 PM IST