अर्थव्यवस्था की समस्याओं के समाधान के लिये सरकार, आरबीआई निरंतर बातचीत करें: नायडू
सरकार और RBI के हालिया विवाद पर उन्होंने यह बात कही. नकदी की कमी के मुद्दे का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि समस्या का कारण कुछ लोग हैं जिन्होंने व्यवस्था के साथ गड़बड़ी की और जिससे पूरा उद्योग प्रभावित हुआ.
भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (CITI) के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए नायडू ने यह बात कहीं. (फाइल फोटो)
भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (CITI) के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए नायडू ने यह बात कहीं. (फाइल फोटो)
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली समस्याओं के समाधान के लिये सरकार तथा रिजर्व बैंक के बीच निरंतर बातचीत होनी चाहिए. सरकार और केंद्रीय बैंक के हालिया विवाद के बीच उन्होंने यह बात कही. नकदी की कमी के मुद्दे का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि समस्या का कारण कुछ लोग है जिन्होंने व्यवस्था के साथ गड़बड़ी की और जिससे पूरा उद्योग प्रभावित हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को आत्मवलोकन करना चाहिए. राजनेताओं और उद्योग को विचार करना चाहिए. कुछ लोगों ने व्यवस्था के साथ गड़बड़ी की. बैंकों ने सभी को कर्ज दिया....’’
नायडू ने कहा, ‘‘आरबीआई ने उस समय कुछ नहीं किया और अब उन्होंने हर चीज कड़ी कर दी है, इसीलिए समस्याएं हैं....’’ उपराष्ट्रपति ने कहा कि इन समस्याओं का विश्लेषण करना होगा और समझना होगा. रिजर्व बैंक और सरकार को नियमित तौर पर बातचीत करनी चाहिए.
भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (सीआईटीआई) के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इसका कोई मतलब नहीं है कि कौन ताकतवर है और कौन अंतिम फैसला करता है. अंतिम प्राधिकार जनता और उनके हित हैं. जो भी व्यवस्था बनायी गयी है, वह लोगों की भलाई के लिये है.’’ नायडू ने कहा, ‘‘इसीलिए उन्हें मीडिया के माध्यम से बातचीत के बजाए बैठ कर बातें करनी चाहिए और वास्तविक समस्याओं के समाधान निकालने चाहिए.’’
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केंद्रीय बैंक के साथ बढ़ते तनाव के साथ वित्त मंत्रालय ने पूर्व में आरबीआई कानून की धारा-7 के तहत चर्चा की मांग की थी. यह प्रावधान सरकार को आरबीआई गवर्नर को निर्देश देने का अधिकार देता है. यह पहली बार हुआ जब सरकार ने इस धारा का उपयोग करने की बात कही.
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने पिछले महीने केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता की बात की थी. उन्होंने दलील देते हुए कहा था कि अगर इससे समझौता किया गया, अर्थव्यवस्था के लिये घातक होगा.
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि भारत निवेश के लिये पंसदीदा गंतव्य है और विश्वबैंक तथा विश्व आर्थिक मंच जैसे संगठनों का विचार है कि अगर देश निरंतर सुधार की दिशा में आगे बढ़ता है, यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. उन्होंने जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में तीन प्रतिशत योगदान देने वाला कपड़ा उद्योग से चौथी औद्योगिकी क्रांति की मांग के अनुरूप नई प्रौद्योगिक अपनाने को कहा. इस मौके पर कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि सरकार कपड़ा उद्योग की वृद्धि के लिये प्रतिबद्ध है.
(भाषा)
05:19 PM IST