Noida Flat on Carpet Area: नोएडा में घर खरीदने वालों के लिए Good News, रजिस्ट्री होगी सस्ती, सिर्फ कारपेट एरिया का चुकाना होगा पैसा
Noida Flat on Carpet Area: नोएडा अथॉरिटी ने कहा है कि फ्लैट की रजिस्ट्री कारपेट एरिया पर ही होगी. अथॉरिटी के इस फैसले से नोएडा के उन घर खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी, जो इसका लंबे समय से इंतजार कर रहे थे.
Noida Flat on Carpet Area: घर खरीदने वालों के लिए Good News है. खासकर नोएडा में घर खरीदने वालों के बड़ी काम की खबर आई है. नोएडा में फ्लैट खरीदना (buy flat in noida) अब पहले के मुकाबले काफी सस्ता होगा. दरअसल, नोएडा में जल्द ही रजिस्ट्री सस्ती हो जाएगी. अथॉरिटी ऐसी व्यवस्था करने वाली है, जिससे फ्लैट रजिस्ट्री के लिए पहले से कम पैसे देने होंगे. नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने इंटरनल लेवल पर एक डॉक्यूमेंट सर्कुलेट किया है, जिसमें फ्लैट की रजिस्ट्री कारपेट एरिया (Carpet Area of Flat) के हिसाब से लेने की बात की गई है.
सुपर एरिया नाम पर डेवलपर बढ़ाते थे कीमत
नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने कहा है कि फ्लैट की रजिस्ट्री कारपेट एरिया पर ही होगी. अथॉरिटी के इस फैसले से नोएडा के उन घर खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी, जो इसका लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. फ्लैट की रजिस्ट्री सुपर एरिया पर नहीं बल्कि कारपेट एरिया (carpet area) पर करने की डिमांड काफी समय से चल रही थी. डेवलपर सुपर एरिया के नाम पर फ्लैट की कीमतें बढ़ाते रहे हैं.
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क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?
Anarock ग्रुप वाइस चेयरमैन संतोष कुमार के मुताबिक, फ्लैट रजिस्ट्रेशन का खर्च कम होगा और होमबायर्स के लिए प्रॉपर्टी सस्ती होगी. RERA ने भी इससे पहले साफ किया था कि डेवलपर्स सुपर बिल्टअप एरिया के आधार पर फ्लैट न बेचें, सिर्फ कारपेट एरिया के आधार पर ही फ्लैट बेचें. इस आदेश के बाद डेवलपर्स ने कारपेट एरिया का जिक्र करना शुरू कर दिया, लेकिन अभी भी इसके फ्रेमवर्क को तैयार करने की जरूरत है. रजिस्ट्री के वक्त सुपर बिल्ट एरिया के मुताबिक ही पैसा वसूला जाता है. अथॉरिटी के इस आदेश से होमबायर्स को काफी फायदा होगा.
क्या होता है कारपेट एरिया, बिल्ट-अप और सुपर एरिया?
कारपेट एरिया: कारपेट एरिया उस एरिया को कहते है जहां आप कारपेट बिछा सकते हैं. इस एरिया में फ्लैट की दीवारें शामिल नहीं होती. यह फ्लैट के अंदर का खाली स्थान होता है. यह फ्लैट का इस्तेमाल होने वाला वास्तविक क्षेत्र होता है. एरिया में दीवार की मोटाई, बालकनी और छत शामिल नहीं होती है. अगर सीढ़ियां घर के अंदर है तो इस एरिया में वो भी शामिल होंगी. बता दें कि कारपेट एरिया बिल्ट अप एरिया का 70 फीसद होता है. इसे कैलकुलेट करने के लिए अपार्टमेंट के कुल एरिया में से दीवार की आंतरिक मोटाई को घटा सकते हैं.
बिल्ट-अप एरिया: बिल्ट-अप एरिया में फ्लैट की दीवारों को लेकर मापा जाता है, यानि इसमें कारपेट एरिया (Carpet Area) के साथ-साथ पिलर, दीवारें और बालकनी जैसी जगह शामिल होती हैं. बिल्ट अप एरिया कैलकुलेट करने के लिए इसमें कारपेट एरिया और दीवारों कवर किया गया क्षेत्र जोड़ा जाता है. यह कारपेट एरिया से 10-15 फीसदी ज्यादा होता है.
सुपर एरिया: सुपर एरिया उस एरिया को कहते हैं, जिसमें उस प्रोजेक्ट के अंदर कॉमन यूज की चीजें को शामिल किया जाता है, जैसे जेनरेटर रूम, पार्क, जिम, सीढ़ियां, लिफ्ट, लॉबी, टेनिस कोर्ट. आमतौर पर सभी बिल्डर्स फ्लैट को सुपर एरिया के आधार पर बेचते हैं. इसमें अंडर ग्राउंड संप, वॉटर टैंक, स्वीमिंग पूल, स्पोर्ट्स एरिया, फूलों की क्यारियां और मचान शामिल नहीं होते. डेवलपर्स बिक्री योग्य कुल क्षेत्र को 25 फीसदी बढ़ा देता है. इस फीसदी हिस्से को लोडिंग कहा जाता है. कुछ डेवलपर्स कुल बिक्री योग्य क्षेत्र की गणना करते हुए लोडिंग के आंकड़ों का जिक्र करते हैं. अगर कारपेट एरिया 600 स्क्वेयर फुट है और बिल्डर 30 फीसदी लोडिंग को भी जोड़ देता है तो आपको (600*30/100 = 180) 780 स्क्वेयर फुट की कीमत देनी होगी. जबकि आपके इस्तेमाल में 600 स्क्वेयर फुट एरिया ही आ रहा है.
12:18 PM IST