नए साल में आपको मिलेगा शुद्ध खाना, सख्त नियमों के साथ FSSAI तैयार
FSSAI का कहना है कि कुछ आर्गेनिक कंपनियां बस नाम के लिए लेबलिंग कर देती हैं लेकिन फूड आर्गेनिक नहीं होता है, उनकी जांच की जाएगी.
एफएसएसआई का कहना है शहद और आर्गेनिक फूड पर निय़म थे लेकिन इस साल से इनके लिए नए नियम लागू हुए हैं.
एफएसएसआई का कहना है शहद और आर्गेनिक फूड पर निय़म थे लेकिन इस साल से इनके लिए नए नियम लागू हुए हैं.
नए साल में खाने की चीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर एफएसएसआई ने अपनी कमर कस ली है. पिछले साल कई चीजों पर एफएसएसआई के नए नियम आए थे लेकिन इस साल वे सारे सख्ती से लागू होना शुरू हो जाएंगे. दाल, आर्गेनिक फूड, शहद, चना, दलहन आदि में टॉक्सिक न हो और इन सबकी लेबलिंग और सर्टिफिकेशन हो, इस पर एजेंसी के नए नियम 1 जनवरी से लागू हो गए हैं.
इससे पहले एफएसएसआई ने फूड पैकिंग को लेकर भी नए नियम जारी किए थे. एफएसएसआई ने खाने-पीने की चीजों की पैकिंग को सेहत के लिए और अधिक प्रभावशाली बनाने के नए दिशा-निर्देश जारी किए थे.
फर्जी ऑर्गेनिक बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
एफएसएसआई का कहना है शहद और आर्गेनिक फूड पर निय़म थे लेकिन इस साल से इनके लिए नए नियम लागू हुए हैं. इसके आधार पर फूड लेबलिंग सर्टिफिकेशन पर ज्य़ादा ध्यान दिया जाएगा. शहद में मिलावट की खूब शिकायतें आ रही हैं, इसलिए शहद के मानकों में कुछ बदलाव करके नए मानक ही लागू कर दिए हैं. ये सब 1 जनवरी से लागू हो गए हैं. फल और सब्जियों में माइक्रोबायोलॉजिकल न हो, नए नियम इस पर भी बने हैं.
शहद में मिलावट
अब अगर शहद में मिलावट होती है और जांच में अगर ये खरे नहीं उतरते हैं तो कंपनियों पर शिकंजा कसा जाएगा. कुछ आर्गेनिक कंपनियां बस नाम के लिए लेबलिंग कर देती हैं लेकिन फूड आर्गेनिक नहीं होता है, उनकी जांच की जाएगी.
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साल 2018 में एफएसएसआई ने 28 नए स्टैंर्डड का ऐलान किया था. फूड फॉर्टिफिकेशन और एडवरटाइजमेंट और क्लेम के भी रेगुलेशन आए हैं. इस साल उन्हें सख्ती से लागू करना है. शराब पर जो नए नियम हैं वे एक अप्रैल से लागू होंगे. बाकी कंपनियों को नए नियम लागू करने के लिए कुछ महीनों का वक्त दिया जाएगा.
बदली जाएगी खाने-पीने के सामान की पैकिंग
सरकार जल्द ही खाने-पीने के सामान की पैकिंग व्यवस्था को बदलने जा रही है. नया नियम लागू होने के बाद खान-पीने की चीजों की पैकेजिंग पूरी तरह बदल जाएगी. मौजूदा नियमों के मुताबिक, खाने-पीने की चीजों की पैकेजिंग के लिए एल्यूमिनियम, ब्रास, कॉपर, प्लास्टिक और टिन का इस्तेमाल किया जाता है. पैकेजिंग की ज्यादातर चीजें सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं. अब पैकेजिंग में शरीर को हानि पहुंचाने वाले खनिज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. जिस खनिज से किसी भी फूड की पैकेजिंग की जाएगी, उसकी मात्रा तय की जाएगी. साथ ही रिसाइकल किया गया प्लास्टिक भी पैकिंग में प्रयोग नहीं जाएगा.
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के पास पैकेजिंग के नियम थे. बीआईएस पैकेजिंग से ज्यादा लेबलिंग पर ध्यान देता है. बीआईएस की पैकेजिंग के नियम अनिवार्य नहीं थे. लेकिन अब एफएसएसआई के नियम अनिवार्य होंगे.
(सुमन अग्रवाल की रिपोर्ट)
12:46 PM IST