देश में नहीं है अनाज की कोई कमी, सरकारी गोदामों में 800 लाख टन से भी ज्यादा है भंडार
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) और दूसरी वेलफेयर स्कीम्स के लिए एक महीने में लगभग 55 लाख टन खाद्यान्न की जरूरत होती है. 11 जून तक कुल 376.58 लाख टन गेहूं और 734.58 लाख टन चावल की खरीद की जा चुकी है.
अप्रैल में, 74 करोड़ लाभार्थियों को 37 लाख टन (92 प्रतिशत) खाद्यान्न बांटा गया है. (रॉयटर्स)
अप्रैल में, 74 करोड़ लाभार्थियों को 37 लाख टन (92 प्रतिशत) खाद्यान्न बांटा गया है. (रॉयटर्स)
भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास मौजूदा समय में 811.69 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक (Food Grains Stock) है, जो खाद्य कानून और दूसरी वेलफेयर स्कीम्स के तहत जरूरतें पूरा करने के लिए पर्याप्त है. एफसीआई (Food Corporation of India) खाद्यान्नों की खरीद और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए सरकार की नोडल एजेंसी है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, एक सरकारी बयान में कहा गया है कि 11 जून को जारी एफसीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एफसीआई के पास इस समय में 270.89 लाख टन चावल और 540.80 लाख टन गेहूं हैं. इसलिए, कुल 811.69 लाख टन खाद्यान्न स्टॉक उपलब्ध है जिसमें गेहूं और धान की मौजूदा खरीद को शामिल नहीं किया गया है और जो अभी तक गोदामों में नहीं पहुंच पाया है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) और दूसरी वेलफेयर स्कीम्स के लिए एक महीने में लगभग 55 लाख टन खाद्यान्न की जरूरत होती है. 11 जून तक कुल 376.58 लाख टन गेहूं और 734.58 लाख टन चावल की खरीद की जा चुकी है.
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत, सरकार ने फैसला किया है कि लगभग 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों, फंसे हुए और जरूरतमंद परिवारों को 8 लाख टन खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा, जो लोग एनएफएसए या राज्य स्कीम वाली पीडीएस कार्ड होल्डर नहीं हैं.
सभी प्रवासियों (मजदूरों) को मई और जून के महीने के लिए प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त में दिया जा रहा है. प्रवासियों को प्रति परिवार एक किलो चना/दाल भी दी जाती है. बयान में कहा गया है, ‘‘राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने 5.48 लाख टन खाद्यान्न का उठान किया है और कुल 45.62 लाख जरूरतमंदों को (मई में 35.32 लाख लाभार्थी और जून 10.30 लाख लाभार्थियों) 22,812 टन खाद्यान्न का डिस्ट्रीब्यूशन किया है.
सरकार ने 1.96 करोड़ प्रवासी परिवारों के लिए 39,000 दालों के डिस्ट्रीब्यूशन को भी मंजूरी दी है. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लगभग 33,916 टन चना/दाल भेजा गया है. दूसरे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की तरफ से कुल 23,733 टन चने का उठाव किया गया है. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा 2,092 टन चना बांटा गया है.
बयान में कहा गया है कि सरकार ने इस योजना के तहत खाद्यान्न के 100 प्रतिशत यानी 3,109 करोड़ रुपए और इस योजना के तहत 280 करोड़ रुपए का चना बांटने का वित्तीय बोझ उठा रही है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत, 3 महीने अप्रैल-जून के लिए, कुल 104.3 लाख टन चावल और 15.2 लाख टन गेहूं की जरूरत होती है और इसमें से विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 94.71 लाख टन चावल और 14.20 लाख टन गेहूं उठा लिया गया है.
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अप्रैल में, 74 करोड़ लाभार्थियों को 37 लाख टन (92 प्रतिशत) खाद्यान्न बांटा गया है, जबकि मई में कुल 35.82 लाख टन (90 प्रतिशत) खाद्यान्न 71.64 करोड़ लाभार्थियों को और जून में 9.34 करोड़ टन (23 प्रतिशत) खाद्यान्न 18.68 करोड़ लाभार्थियों को बांटा गया है. सरकार इस योजना के तहत लगभग 46,000 करोड़ रुपये के वित्तीय भार का 100 प्रतिशत बोझ उठा रही है. दालों के संबंध में, तीन महीनों के लिए कुल जरूरत 5.87 लाख टन की है.
सरकार इस योजना के तहत लगभग 5,000 करोड़ रुपये का 100 प्रतिशत वित्तीय भार वहन कर रही है. बयान में कहा गया है कि अब तक 5.50 लाख टन दालों को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को भेज चुकी है और 4.91 लाख टन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में पहुंच गया है, जबकि 3.06 लाख टन दाल बांटी जा चुकी है.
09:45 AM IST