Economist Abhijit Sen Dies: इकोनॉमिस्ट अभिजीत सेन का निधन, 2010 में पद्म भूषण से किए गए थे सम्मानित
Economist Abhijit Sen dies: अर्थशास्त्री और योजना आयोग के पूर्व सदस्य अभिजीत सेन का हार्ट अटैक से निधन हो गया. अभिजीत सेन लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
Economist Abhijit Sen Dies: योजना आयोग के पूर्व सदस्य अभिजीत सेन का लंबी बीमारी के बाद सोमवार रात निधन हो गया. वह 72 साल के थे. उनके निधन की जानकारी उनके भाई डॉ प्रणव सेन ने दी. उन्होंने कहा, अभिजीत सेन को रात करीब 11 बजे दिल का दौरा पड़ा. हम उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. उनके भाई ने बताया कि सेन पिछले कुछ सालों से सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे. कोविड -19 महामारी के दौरान उनकी बीमारियां और बढ़ गई थी. उनके परिवार में पत्नी, जयति घोष (एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ) और एक बेटी जाह्नवी हैं.
दिल्ली के बंगाली परिवार में हुआ जन्म
अभिजीत सेन का जन्म नई दिल्ली के एक बंगाली परिवार में हुआ था. वह फिजिक्स ऑनर्स की डिग्री के लिए सरदार पटेल विद्यालय और फिर सेंट स्टीफंस कॉलेज गये. उन्होंने 1981 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की. जहां वे ट्रिनिटी हॉल के सदस्य थे. अभिजीत सेन ने नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अर्थशास्त्र पढ़ाया और कईं महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर रहे.
ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज और एसेक्स में पढ़ाया अर्थशास्त्र
जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे तब वे 2004 से 2014 तक योजना आयोग के सदस्य थे. अभिजीत सेन ने 1985 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाया, यहां पर वह आर्थिक अध्ययन के बारे में पढ़ाते थे. इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज और एसेक्स में अर्थशास्त्र पढ़ाया. इसके अलावा वह 2004-2014 तक योजना आयोग के सदस्य थे और कृषि लागत और मूल्य आयोग, 1997-2000 के अध्यक्ष थे. 1997 में, संयुक्त मोर्चा सरकार ने उन्हें कृषि लागत और मूल्य आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था.
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2010 में पद्म भूषण से किए गए थे सम्मानित
2014 में एनडीए के सत्ता में आने पर सेन को “दीर्घकालिक अनाज नीति” विकसित करने के लिए एक उच्च-स्तरीय कार्य दल का नेतृत्व करने के लिए नामित किया गया था. सेन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रबल समर्थक थे. उनका तर्क था कि राजकोष को खाद्य सब्सिडी की लागत को अक्सर बढ़ा-चढ़ा कर बताया गया था और देश के पास एक सार्वभौमिक पीडीएस और किसानों की उपज के लिए उचित मूल्य दोनों को वहन करने के लिए पर्याप्त वित्तीय छूट थी. ओईसीडी विकास केंद्र, एशियाई विकास बैंक, यूएनडीपी, खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और कृषि विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय कोष सहित कई अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान और बहुपक्षीय संस्थानों से सेन के संबंध थे. 2010 में, उन्हें सार्वजनिक सेवा के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
06:25 PM IST