दिवाली तक घट सकते हैं आलू के रेट, मंडियों में इस भाव मिल रही सब्जी
दिवाली से पहले सब्जी खासकर आलू के रेट (Potato prices today) नीचे आ सकते हैं. क्योंकि मंडी में आलू की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है
बुधवार को हिमाचल प्रदेश के ऊना से एक ट्रक नया आलू उतरा जो थोक में 50 रुपये किलो बिका. (Reuters)
बुधवार को हिमाचल प्रदेश के ऊना से एक ट्रक नया आलू उतरा जो थोक में 50 रुपये किलो बिका. (Reuters)
दिवाली से पहले सब्जी खासकर आलू के रेट (Potato prices today) नीचे आ सकते हैं. क्योंकि मंडी में आलू की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है और अगले हफ्ते से आवक बढ़ सकती है, हालांकि दाम में गिरावट की उम्मीद दिवाली के बाद ही की जा सकती है. देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में बुधवार को हिमाचल प्रदेश के ऊना से एक ट्रक नया आलू उतरा जो थोक में 50 रुपये किलो बिका.
आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन यानि पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा के मुताबिक ऊना और हल्द्वानी से नए आलू की आवक शुरू हो चुकी है और अगले हफ्ते पंजाब के होशियारपुर से भी नया आलू बाजार में उतरने की संभावना है. हालांकि उन्होंने कहा कि आलू के दाम में गिरावट दिवाली के बाद आवक बढ़ने पर ही आ सकती है.
आजादपुर मंडी कृषि उपज विपणन समिति (APMC) की कीमत सूची के मुताबिक, मंडी में आलू का थोक भाव बुधवार को 20 रुपये से 42 रुपये प्रति किलो जबकि मॉडल रेट 29.25 रुपये प्रति किलो था. वहीं, दिल्ली-एनसीआर में आलू का खुदरा भाव 40 रुपये से 50 रुपये प्रति किलो था.
हालांकि, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन उपभोक्ता मामले विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध कीमत सूची के मुताबिक, बुधवार को देशभर में आलू का न्यूतम खुदरा भाव 26 रुपये और अधिकतम 80 रुपये प्रति किलो था जबकि एक दिन पहले देशभर में आलू का खुदरा भाव 26 रुपये से 60 रुपये था.
हालांकि कारोबारी बताते हैं कि उत्तर भारत की मंडियों में नए आलू की आवक बढ़ने पर देश के अन्य हिस्सों में भी कीमतों में नरमी आएगी. बता दें कि आलू के दाम पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने 10 लाख टन आलू टैरिफ रेट कोटे के तहत 10 फीसदी आयात शुल्क पर आयात करने की इजाजत दी है. देश में आलू की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भूटान से आलू मंगाया जा रहा है. इसके लिए भूटान से 31 जनवरी 2021 तक आलू आयात करने के लिए लाइसेंस की जरूरत खत्म कर दी गई है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत आने वाले और हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि उत्तर भारत में मौसम अनुकूल रहने से किसानों ने आलू की बुवाई तेज कर दी है और दाम ऊंचा होने से आलू की खेती में किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है.
11:40 AM IST