देश की बात: बचेगी कुर्सी या छिनेगी कमान? राहुल के इस्तीफे से वंशवाद का काम-तमाम
Desh ki Baat: मोदी नाम जनता के दिलो दिमाग में ऐसा छाया कि खासकर कांग्रेस को दशकों पीछे धकेल दिया. आलम ये है कि कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई. राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की है. इसके साथ ही राहुल गांधी को मनाने का सिलसिला भी शुरू हो गया.
महाराष्ट्र, पंजाब, झारखंड, असम समेत कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने भी अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेज दिया. (जी बिजनेस)
महाराष्ट्र, पंजाब, झारखंड, असम समेत कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने भी अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेज दिया. (जी बिजनेस)
वर्ष 2019 में मोदी नाम की ऐसी सुनामी चली की समूचे विपक्ष को बहा ले गई. विपक्ष के नारे धरे के धरे रह गए और बाजी मार ले गया चौकीदार (मोदी मोदी मोदी) ये ऐसी आंधी थी, जिसने विपक्ष की लगभग हर पार्टी के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान लगा दिया. मोदी नाम जनता के दिलो दिमाग में ऐसा छाया कि खासकर कांग्रेस को दशकों पीछे धकेल दिया. आलम ये है कि कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई. महाराष्ट्र, पंजाब, झारखंड, असम समेत कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेज दिया. लेकिन, सबसे बड़ा कन्फ्यूजन राहुल गांधी के इस्तीफे को लेकर है.
राहुल के इस्तीफे का नाटक?
खबर आई कि राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की है. इसके साथ ही राहुल गांधी को मनाने का सिलसिला भी शुरू हो गया. सीडब्लूसी ने राहुल का इस्तीफा खारिज कर दिया, लेकिन फिर खबर आई कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़ गए हैं. इसके बाद पार्टी के नेता राहुल को मनाने के लिए उनके आवास पर पहुंच गए. प्रियंका गांधी, अहमद पटेल, सचिन पायलट समेत कई बड़े नेता उन्हें मनाने पहुंचे. राहुल के इस्तीफे पर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अंतिम फैसला होना था, लेकिन बैठक को टाल दिया गया. अब सूत्र बता रहे हैं कि राहुल ने इस्तीफे की बात टाल दी है.
राजस्थान, मध्य प्रदेश में भी संकट
संकट सिर्फ कांग्रेस नेतृत्व पर ही नहीं बल्कि कांग्रेस की राज्य सरकारों पर भी है. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर बीजेपी लगातार सरकार छोड़ने का दबाव बनाए हुए है तो राजस्थान में पुत्र मोह में काम करने का आरोप लगाकर कांग्रेस के भीतर ही अशोक गहलोत के खिलाफ गोलबंदी हो रही है. खबर है कि खुद राहुल राजस्थान में सरकार परिवर्तन चाहते हैं. राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया इस्तीफा दे चुके हैं तो कई मंत्रियों ने इस्तीफे की पेशकश की हुई है.
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— Zee Business (@ZeeBusiness) May 28, 2019
राहुल की नाकामी?
इस बीच सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने राहुल गांधी का बचाव किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि राहुल गांधी को इस्तीफा नहीं देना चाहिए. ऐसा हुआ तो वो बीजेपी के ट्रैप में फंस जाएंगे. तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने भी राहुल गांधी से इस्तीफा नहीं देने की नसीहत दी है. इसमें कोई शक नहीं कि जबरदस्त चुनावी प्रचार के बावजूद जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है. बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष इसे राहुल गांधी की नाकामी के तौर पर भी देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि राहुल ने मोदी के खिलाफ नकारात्मक चुनाव अभियान चलाया जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा.
इस्तीफे पर कंफ्यूजन क्यों है?
दबी जुबान में ये बात कांग्रेस के कई नेता भी मान चुके हैं. ऐसे में सवाल ये है कि राहुल के इस्तीफे पर इतना कन्फ्यूजन क्यों है? जब समूचे देश ने वंशवाद को नकार दिया हो तब भी पार्टी आज भी गांधी परिवार से बाहर झांकने को तैयार क्यों नहीं है? क्या राहुल के इस्तीफे की पेशकश सिर्फ दिखावा है या ग्रैंड ओल्ड पार्टी कही जाने वाली कांग्रेस के पास गांधी परिवार के अलावा कोई विकल्प ही नहीं है.
क्यों भाग रहे हैं राहुल?
सवाल ये भी है कि 2019 की जंग में पीएम मोदी के सबसे बड़े चैलेंजर रहे राहुल ऐन नतीजों के बाद इस तरह मैदान छोड़कर भागने पर आमादा क्यों हैं? क्या मोदी की प्रचंड जीत ने राहुल का हौसला इस कदर पस्त कर दिया है कि वो राजनीतिक तौर पर दोबारा खड़े होने लायक भी नहीं बचे? या फिर अपने संगठन के भीतर वरिष्ठ नेताओं की अकर्मण्यता देखकर राहुल को इस्तीफे के अलावा कोई रास्ता ही नहीं सूझ रहा है.
08:15 PM IST