देश को जल्द मिलने वाली है कोरोना की 4 और वैक्सीन, इस कंपनी ने किया दावा
सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute of India) के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव के मुताबिक कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ कोविशिल्ड के अलावा चार और वैक्सीन पर काम तेजी से चल रहा है.
सीरम इंस्टीट्यूट के मुताबिक कोरोना वायरस के खिलाफ कोविशिल्ड के अलावा चार और वैक्सीन पर काम तेजी से चल रहा है. (फाइल फोटो)
सीरम इंस्टीट्यूट के मुताबिक कोरोना वायरस के खिलाफ कोविशिल्ड के अलावा चार और वैक्सीन पर काम तेजी से चल रहा है. (फाइल फोटो)
दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माताओं में से एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने दावा किया है कि कोरोना (Corona) के खिलाफ 4 और वैक्सीन पर काम चल रहा है. बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ने ही कोविशील्ड को तैयार किया है जिसका इस्तेमाल देश में शुरू हो चुका है. सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि सभी वैक्सीन के ट्रायल का काम जोरों पर है और उम्मीद है कि जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा.
कंपनी का दावा (Company's claim)
सीरम इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव के मुताबिक नोवल कोरोना वायरस के खिलाफ कोविशिल्ड के अलावा चार और वैक्सीन पर काम तेजी से चल रहा है. जाधव ने एक वेबिनार के दौरान बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट नोवल कोरोना वायरस के खिलाफ कुल 5 वैक्सीन पर काम कर रहा है जिसमें कोविशील्ड भी शामिल है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भारत और दूसरे देशों के लिए अपने संभावित कोविड-19 वैक्सीन के निर्माण के लिए नोवावैक्स इंक के साथ साझेदारी की है.
सीरम इंस्टीट्यूट ने दिया जवाब (Serum Institute replied)
सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को बिना पूरा ट्रायल किए इस्तेमाल करने पर सवाल भी उठ रहे हैं लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि ऐसा कोई पहली बार नहीं हो रहा है. अफ्रीका में 4 साल पहले जब इबोला (Ebola) का प्रकोप जब हुआ था, तब एक कनाडाई फार्मास्युटिकल फर्म ने वैक्सीन तैयार की थी. इस वैक्सीन का केवल पहला चरण पूरा हुआ था और दूसरे चरण का ट्रायल चल रहा था. ट्रायल पूरा होने से पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी और तब वैक्सीन ने इबोला को काबू करने में मदद की थी.
वैक्सीन के इस्तेमाल पर सवाल क्यों- जाधव (Question on the use of vaccine- Jadhav)
सीरम इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव ने H1N1 महामारी का जिक्र भी किया. सुरेश जाधव ने कहा कि साल 2009 में भी h1n1 महामारी का टीका बनाया गया था तब क्लिनिकल परीक्षणों के सभी चरणों को पूरा करने के बाद वैक्सीन के विकास के लिए और वैक्सीन लगाने के लिए एक साल से ज्यादा का वक्त लग गया था लेकिन इसके उलट पश्चिम में दवा निर्माताओं ने ऐसे उत्पादों की मार्केटिंग 7 महीने से भी कम समय में शुरू कर दी थी तब किसी ने उनसे सवाल नहीं किया था, ऐसे में कोविशील्ड के इस्तेमाल पर सवाल उठाना सही नहीं है.
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10:09 PM IST