12वीं पास क्या करें आप, लॉकडाउन में भी पढ़ाई के हैं बहुत सारे ऑप्शन
कोरोना के चलते तमाम स्कूल-कॉलेज बंद हैं. ऐसे में बच्चों के सामने सवाल है कि वे अपनी आगे की पढ़ाई कैसे जारी रखेंगे.
बच्चों की रचनात्मकता पर ध्यान दें. और इसके लिए कोरोना काल बहुत शानदार समय है.
बच्चों की रचनात्मकता पर ध्यान दें. और इसके लिए कोरोना काल बहुत शानदार समय है.
सीबीएसई समेत तमाम बोर्ड के 12वीं के नतीजे आ गए हैं. इस बार भी बच्चों ने पिछले तमाम रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं. सीबीएसई बोर्ड में ही 88.78 फीसदी बच्चे पास हुए हैं और इनमें भी ऐसे बच्चों की तादाद बहुत ज्यादा है जिनकी स्कोरिंग 80-90 फीसदी या इससे भी ज्यादा है.
दिन-रात कड़ी मेहनत से 12वीं में कामयाबी हासिल करने वाले स्टूडेंट्स के सामने अगले कदम के लिए सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. क्योंकि 12वीं करते ही बच्चे अपने फ्यूटर टारगेट की ओर कदम बढ़ाने के लिए अलग-अलग विषयों और प्रतियोगिताओं को चुनते हैं. और इसके लिए फिर से कंप्टिशन एग्जाम के लिए जुट जाते हैं.
लेकिन इस बार कोरोना के चलते तमाम स्कूल-कॉलेज बंद हैं. तमाम कोचिंग क्लास भी बंद चल रही हैं. ऐसे में बच्चों के सामने सवाल है कि वे अपनी आगे की पढ़ाई कैसे जारी रखेंगे और कैसे प्रतियोगिताओं की तैयारी करेंगे.
#AapkiKhabarAapkaFayda में जानिए '12वीं पास क्या करें आप?'#Covid_19 https://t.co/MALlTzZeeo
— Zee Business (@ZeeBusiness) July 14, 2020
पहले जहां जुलाई में एडमिशन शुरू हो जाते थे, वहां अभी एंट्रेस टेस्ट तक नहीं हुए हैं. तमाम यूनिवर्सिटी मार्च से ही बंद हैं, वहां ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षाएं तक नहीं हुई हैं.
जॉब पर नहीं, करियर पर ध्यान दें
सीनियर एजुकेशनिस्ट के. सिद्धार्थ इन सब के बीच कहते हैं कि कभी भी बच्चे का आकलन मार्क्स देखकर नहीं करना चाहिए. क्योंकि किसी भी बच्चे का भविष्य उसके द्वारा हासिल किए नबंरों पर टिका नहीं होता.
उनका तर्क है कि दुनिया में जितने भी कामयाब लोग हैं, उनमें से बहुत से लोगों ने कभी स्कूलों का मुंह नहीं देखा है. माता-पिता को बच्चे की जॉब के चक्कर में पढ़कर कैरियर बनाने की तरफ ध्यान देना चाहिए. क्योंकि आने वाले समय में हर व्यक्ति की अपनी खुद की इकोनॉमी होगी.
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बच्चों की रचनात्मकता पर ध्यान दें. और इसके लिए कोरोना काल बहुत शानदार समय है. बच्चों को मैनेजमेंट के गुर सिखाने चाहिए. बच्चों में सभी चीजों को संतुलित करके देखने का हुनर आना चाहिए.
बच्चों के सामने ढेर सारे ऑप्शन
करियर काउंसर जतिन चावला के मुताबिक, इस समय में माता-पिता का बहुत बड़ा रोल है. ऐसे में कभी भी एक लीक पर नहीं सोचना चाहिए. हर विषय में बहुत कुछ किया जा सकता है. एंट्रेंस एग्जाम के लिए नंबरों की जरूरत नहीं होती है.
आज बच्चों के सामने करने के लिए बहुत सारे ऑप्शन हैं. केवल डॉक्टरी या इंजीनियरिंग या सीए जैसे विषयों पर फोकस करके नहीं रहना चाहिए.
कम नबंर वाले बच्चों के लिए
के. सिद्धार्थ कहते हैं कि नंबरों को पीछे भागना बीमार मानसिकता का प्रतीक है. इसलिए कभी भी नंबरों के आधार पर बच्चों का आकलन नहीं करना चाहिए. मार्क्स लाना एक तरीका है, न कि बच्चे की प्रतिभा का प्रतीक.
भविष्य के लिए करें तैयारी
- घर बैठ कोई नया हुनर सीख सकते हैं.
- स्किल डवलपमेंट के तमाम ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हैं.
- ऑनलाइन कोचिंग के वीडियो से अपनी पढ़ाई कर सकते हैं.
- पिछले साल के कोचिंग के पेपर हल करने की आदत डालें.
-पुराने विषयों पर बराबर ध्यान दें और उनका रिवीजन करते रहें.
- खाली वक्त में अपनी राइटिंग स्पीड को सुधारने की प्रैक्टिस कर सकते हैं.
- खाली समय में अपने खुद का मूल्यांकन करें.
- अपनी कमजोरी को तलाशें और उसे खुद ही दूर करने की कोशिश करें.
- अपने मजबूत पक्ष को और ज्यादा मजबूत करने पर ध्यान दें.
- जिस विषय की आगे पढ़ाई करनी हैं, उन विषयों के नोट्स बनाना शुरू कर दें.
- चैप्टर को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट कर पढ़ाई करें और नोट्स बनाते रहें.
- पढ़ाई के साथ-साथ करेंट अफेयर्स की भी पढ़ाई करें. नए-नए विषयों पर ध्यान दें.
09:54 PM IST