करवाचौथ 2018 : कम पैसे में परिवार को कैसे दें खुशियों की सौगात
करवाचौथ के व्रत के दिन अगर पति ऑफिस में हो, तो पत्नी की सबसे बड़ी चिंता होती है अपने व्रत को तोड़ने की. वैसे तो टेक्नालॉजी ने इस समस्या को थोड़ा आसान बना दिया है.
करियर जरूरी है, लेकिन परिवार की खुशी से बढ़कर कुछ नहीं.
करियर जरूरी है, लेकिन परिवार की खुशी से बढ़कर कुछ नहीं.
करवाचौथ के व्रत के दिन अगर पति ऑफिस में हो, तो पत्नी की सबसे बड़ी चिंता होती है अपने व्रत को तोड़ने की. वैसे तो टेक्नालॉजी ने इस समस्या को थोड़ा आसान बना दिया है और आप एक स्मार्ट फोन और अच्छे 4जी कनेक्शन की मदद से वीडियो कॉलिंग के जरिए अपने जीवनसाथी से सीधे रूबरू हो सकते हैं. लेकिन बात सिर्फ इतने से बनती नहीं है. कल रिलीज हुई फिल्म बाजार का एक डायलॉग है- 'दि सक्सेस ऑफ ए फैमिली, इज सब्जेक्ट टू मार्केट रिस्क. पैसा परिवार को जोड़ सकता है, और बर्बाद भी कर सकता है.' यानी करियर और परिवार के बीच एक संतुलन जरूरी है.
कॉरपोरेट कल्चर में परिवार के लिए समय निकाल पाना मुश्किल होता है. नौकरी और आमदनी भी जरूरी है. ऐसे में आप छोटी छोटी बातों पर ध्यान देकर परिवार के बीच खुशियां बढ़ा सकते हैं. अगर आप इन बातों को ध्यान रखेंगे तो सिर्फ करवा चौथ का दिन ही नहीं, आपका हर दिन खुशियों भरा होगा.
1. खाना साथ खाइए
परिवार में खुशियां बनाए रखने का सबसे आसान तरीका है कि खाना साथ में बैठकर खाया जाए. इस दौरान दिन भर के घटनाक्रम और एक दूसरे के सुख-दुख के बारे में बातचीत कीजिए. एक अध्ययन में एक पाया गया है कि जो बच्चे अपने परिवार के साथ खाना खाते हैं, उनमें बुरी आदत पनपने की आशंका बहुत कम होती है.
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2. बच्चों के दोस्त बनकर रहिए
आप बच्चों के बीच ज्यादा समय बिताते हैं और उनके साथ दोस्ताना रिश्ता रखते हैं, तो पति-पत्नी के रिश्ते भी अच्छे रहते हैं. कई बार देखा गया है कि दोनों के बीच अनबन बच्चों को लेकर ही होती है. बच्चों के ख्याल रखिए, आपका जीवन साथी आपका ख्याल रखेगा.
3. तनाव कम कीजिए
अपने व्यवहार से जीवनसाथी का तनाव कम कीजिए. याद रखिए जीवनसाथी से जीतने में नहीं, बल्कि उसके आगे हार जाने में ही जीत है. कई बार अहंकार के चलते हम अपने जीवनसाथी से लड़ते हैं और उसे गलत साबित करते हैं, लेकिन अगर ऐसे में उसके अंदर हीन भावना या अवसाद आ गया तो नुकसान तो आपका ही होगा. एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी नहीं, पूरक बनिए. बच्चों को भी तनाव से दूर रखिए.
4. परिवार का मतलब
परिवार का मतलब सिर्फ पति-पत्नी और बच्चे नहीं है. बच्चों को अपने दादा-दादी, नाना-नानी से नियमित मिलवाइए. फैमिली ट्री के बारे में उन्हें बताइए. दादा के पिता जी और उनके पिता जी के बारे में आपको जो पता हो बच्चों को बताइए. इससे आपस में लगाव बढ़ेगा.
5. बीमा पॉलिसी जरूर लीजिए
जब तक आप हैं, आप अपने परिवार को संभालेंगे, इसमें कोई शक नहीं. लेकिन भगवान न करे, अगर आपको कुछ हो गया, तो क्या होगा? घर में कोई बीमार हो गया तो क्या होगा? इसलिए टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लीजिए. आप जितनी प्रीमियम देंगे, मान लीजिए आपकी सैलरी ही उतनी कम है. लेकिन बीमा पॉलिसी जरूर लीजिए. और हां, बीमा पॉलिसी प्रीमियम देखकर नहीं, परिवार की जरूरत को ध्यान में रखकर लीजिए. ऐसा करने के बाद आप पाएंगे कि आप अधिक तनाव मुक्त और निश्चिंत हैं.
06:42 PM IST