ऑटो - टैैक्सी यूनियनों ने लिया यह निर्णय, आज घर से निकलने पर होगी मुश्किल
घर से निकलने के बाद यदि आप ऑटो या टैक्सी का प्रयोग करते हैं तो आज आपके लिए थोड़ी मुश्किल बढ़ सकती है. दिल्ली सरकार से नाराज ऑटो-टैक्सी चालक अपनी मांगों को लेकर नौ अप्रैल को राजघाट से दिल्ली सचिवालय तक मार्च निकालने का फैसला किया है.
ऑटो - टैक्सी चालक अपनी मांगों को ले कर आज दिल्ल सरकार के खिलाफ करेंगे प्रदर्शन (फाइल फोटो)
ऑटो - टैक्सी चालक अपनी मांगों को ले कर आज दिल्ल सरकार के खिलाफ करेंगे प्रदर्शन (फाइल फोटो)
घर से निकलने के बाद यदि आप ऑटो या टैक्सी का प्रयोग करते हैं तो आज आपके लिए थोड़ी मुश्किल बढ़ सकती है. दिल्ली सरकार से नाराज ऑटो-टैक्सी चालक अपनी मांगों को लेकर नौ अप्रैल को राजघाट से दिल्ली सचिवालय तक मार्च निकालने का फैसला किया है. ऑटो-टैक्सी चालकों के अनुसार केजरीवाल सरकार की ओर से ऑटो टैक्सी चालकों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया. ऑटो - टैक्सी चालकों की हालत बेहद खराब होती जा रही है पर दिल्ली सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है.
सचिवालय पर करेंगे प्रदर्शन
ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोटर्स कांग्रेस यूनियन के प्रेसिडेंट किशन वर्मा के अनुसार नौ अप्रैल को 10 बजे दिन में प्रदेशभर के ऑटो-टैक्सी चालक राजघाट के पास स्थित समता स्थल पर इकट्ठे होंगे और वहां से 11 बजे सचिवालय की ओर कूच करेंगे. भारतीय प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ के चेयरमैन राज कुमार झा ने कहा कि ऑटो-टैक्सी वाले अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. उनकी मांगे जायज है क्योंकि प्रदेश सरकार ने उनकी सुविधा के लिए कोई काम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में करीब पांच लाख ऑटो-टैक्सी चालक हैं जिनकी दशा काफी दयनीय है, क्योंकि काफी समय से किराये में बढ़ोतरी नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि नौ अप्रैल को दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में उनको सात से आठ यूनियनों का समर्थन प्राप्त है.
चुनावों में करेंगे विरोध
झा ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) को 2015 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में 67 सीटों पर जीत दिलाने में ऑटो-टैक्सी वालों का अहम योगदान रहा, लेकिन सत्ता में आने के बाद पार्टी उनको भूल गई. चुनाव के दौरान हर ऑटो के पीछे आम आदमी का पोस्टर लगाया गया था, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में ऑटो-टैक्सी वालों की दिल्ली की जनता से अपील है कि वे इस पार्टी को वोट न दें.
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मांगों पर नहीं दिया गया ध्यान
दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा कि दिल्ली सरकार से काफी समय से मांग की जा रही है कि ओला व उबर के लिए भी कोई नियम कानून बने. पर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन होने पर ऑटो - टैक्सी वालों की गाड़ियां चालन कर बंद कर दी जाती हैं लेकिन ओला व उबर के लिए ये नियम नहीं है. उन्हें चलान कर छोड़ दिया जाता है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की टैक्सियां दिल्ली में आ कर चल रही हैं लेकिन सरकार के सामने कई बार ये मुद्दा उठाने के बाद भी सरकार की ओर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. पिछले पांच सालों में किराया नहीं बढ़ने से ग्रामीण सेवा व ऑटो- टैक्सी वालों की हालत पहले से खराब हुई है.
08:55 AM IST