AMRAPALI समूह के निदेशकों की मुश्किल और बढ़ी, भरने पड़ सकते हैं 9590 करोड़ रुपए
आम्रपाली (Amrapali) समूह के खातों की जांच के लिये नियुक्त फोरेंसिक आडिटरों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कंपनी से 9,590 करोड़ रुपये वसूले जा सकते हैं.
कंपनी ने मकान खरीदारों के 3,523 करोड़ रुपये का इस्तेमाल दूसरे काम में किया. (PTI)
कंपनी ने मकान खरीदारों के 3,523 करोड़ रुपये का इस्तेमाल दूसरे काम में किया. (PTI)
संकट में फंसी कंपनी आम्रपाली (Amrapali) समूह के खातों की जांच के लिये नियुक्त फोरेंसिक आडिटरों ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष कहा कि कंपनी से 9,590 करोड़ रुपये वसूले जा सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने मकान खरीदारों के 3,523 करोड़ रुपये का दूसरे कार्यों में उपयोग किये.
आडिटरों का कहना है कि जिस पैसे को दूसरे कार्यों में उपयोग किया गया, उसमें से 455 करोड़ रुपये रीयल्टी कंपनी के निदेशकों, उनके परिवारीजनों और प्रमुख पद पर बैठे लोगों से वसूला जा सकता है. न्यायाधीश अरुण मिश्र और न्यायाधीश यूयू ललित की पीठ को न्यायालय द्वारा नियुक्त फोरेंसिक आडिटर पवन अग्रवाल और रवि भाटिया ने कहा कि कंपनी ने औने-पौने दाम पर 5,856 फ्लैट बेचे और मौजूदा बाजार भाव पर इनके 321.31 करोड़ रुपये वसूले जा सकते हैं.
आडिटरों ने न्यायालय को 8 खंडों में दी रिपोर्ट में कहा कि अब तक उन्होंने 152.24 करोड़ रुपये का पता लगाया है, जिसे कंपनी के निदेशकों और उनके परिवार के सदस्य आयकर चुकाने, शेयर खरीदने के लिए कर्ज व अन्य मद में उपयोग में लाए.
आडिटर की संक्षिप्त रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 35 समूह कंपनियों में निदेशकों सहित प्रमुख प्रबंधकीय पदों पर बैठे व्यक्तियों ने 69.36 करोड़ रुपये बेईमानी से निकाल लिये. यह धन इन कंपनियों के पास पड़ा था.
आडिटरों ने यह भी कहा है कि आम्रपाली की 11 विभिन्न परियोजनाओं में 5,229 बिना बिके फ्लैट हैं जिन्हें बेचकर 1,958.82 करोड़ रुपये हासिल किये जा सकते हैं. इसके अलावा आम्रपाली समूह की नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 6,004.6 करोड़ की देनदारी भी इसमें बताई गई है. शीर्ष अदालत ने फारेंसिक आडिटरों की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और कंपनी समूह और उसकी सहयोगी कंपनियों से जवाब मांगा हैं.
12:31 PM IST