अनिल सिंघवी जो कहते हैं, वित्त मंत्री वो सुनती हैं, Zee Business हिट है!
ध्यान दीजिए वित्त मंत्री ने सिर्फ ज़ी बिज़नेस की मांग को सुना और उसे पूरा भी किया. बता दें, सिर्फ ज़ी बिज़नेस ने सरकार पर भरोसा जताते हुए इकोनॉमी में सुधार और उसे बूस्ट करने की मांग की थी.
अनिल सिंघवी ने 26 अगस्त और 5 सितंबर को ही वित्त मंत्री से डिमांड की थी कि इकोनॉमी और बाजार इससे बड़ा बूस्टर चाहिए.
अनिल सिंघवी ने 26 अगस्त और 5 सितंबर को ही वित्त मंत्री से डिमांड की थी कि इकोनॉमी और बाजार इससे बड़ा बूस्टर चाहिए.
मोदी सरकार ने इंडियन इकोनॉमी को बड़ा बूस्टर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट इंडिया के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की. वहीं, मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट करने के लिए भी टैक्स में छूट दी है. सरकार के इस फैसले से इंडस्ट्री के साथ-साथ इंडियन इकोनॉमी को भी रफ्तार मिलेगी. साथ ही देश में निवेश भी तेजी से बढ़ेगा. लेकिन, ध्यान दीजिए वित्त मंत्री ने सिर्फ ज़ी बिज़नेस की मांग को सुना और उसे पूरा भी किया. बता दें, सिर्फ ज़ी बिज़नेस ने सरकार पर भरोसा जताते हुए इकोनॉमी में सुधार और उसे बूस्ट करने की मांग की थी.
वित्त मंत्री ने मानी अनिल सिंघवी की सलाह
शेयर बाजार और वित्त मामलों में अपनी सटीक सलाह देने वाले ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने इंडियन इकोनॉमी के रिवाइवल को लेकर भी पहले ही अनुमान जता दिया था. अनिल सिंघवी ने एक नहीं दो बार कहा था कि इंडस्ट्री को बड़ा बूस्टर डोज ही चाहिए. 26 अगस्त और 5 सितंबर को जब सरकार ने दूसरे सेक्टर्स के रिफॉर्म के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया, तभी अनिल सिंघवी ने वित्त मंत्री से डिमांड की थी कि इकोनॉमी और बाजार इससे बड़ा बूस्टर चाहिए.वहीं, अनिल सिंघवी ने ये भी कह दिया था कि अगर इकोनॉमी और इंडस्ट्रीज को खुश करना है तो कॉरपोरेट टैक्स में कटौती ही एक रास्ता है.
... तो साफ है "अनिल सिंघवी ने जो कहा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वो माना..." अनिल सिंघवी की डिमांड थी कि वित्त मंत्री कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करें. सरकार ने उनकी बात सुनी और कॉरपोरेट जगत को एक बड़ा बूस्टर डोज दिया. बता दें, निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट इंडस्ट्रीज को 1.5 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया है. घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 22 फीसदी किया गया. कंपनियों को अब सेस और सरचार्ज मिलाकर कुल 25 फीसदी टैक्स देना होगा. वहीं, MAT को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में निवेश करने वाली कंपनियों को कॉरपोरेट टैक्स सिर्फ 15 फीसदी ही चुकाना होगा.
जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी को फाइनेंस, स्टॉक मार्केट और बिजनेस जगत में उनकी सटीक सलाह के लिए ही जाना जाता है. ज़ी बिज़नेस हमेशा अपने दर्शकों के फायदे से जुड़ी सलाह ही देता है और इसका प्रत्यक्ष उदाहरण यही है कि अनिल सिंघवी ने जो इंडियन इकोनॉमी के रिवाइवल के अनुमान लगाया वो भी एकदम सटीक बैठा. कॉरपोरेट इंडिया की बूस्टर डोज को शेयर बाजार ने भी ऐतिहासिक सलामी दी.
08:36 PM IST