RBI Policy Highlights: पूरे साल महंगाई की कैसी रहेगी चाल? यहां जानिए रिजर्व बैंक के एक-एक अनुमान का हाल
RBI Policy Highlights: रिजर्व बैंक ने बुधवार को ब्याज दरों में 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया है. इसी के साथ शक्तिकांत दास ने रियल जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है.
(Souce: ANI)
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RBI Policy Highlights: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को अपनी एमपीसी बैठक के बाद ब्याज दरों में 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया है. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने वित्त वर्ष के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है. गवर्नर ने कहा कि सेंट्रल बैंक ग्रोथ पर समझौता किए बिना महंगाई पर काबू करना चाहती है.
आरबीआई ने बताया ग्रोथ का अनुमान
- FY23 के लिए रियल GDP ग्रोथ 7.2% पर बरकरार
- FY23 Q1 में GDP ग्रोथ 16.2% संभव
- FY23 Q2 में GDP ग्रोथ 6.2% संभव
- FY23 Q3 में GDP ग्रोथ 4.1% संभव
- FY23 Q4 में GDP ग्रोथ 4% संभव
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महंगाई दर को लेकर जताया अनुमान
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान अप्रैल में 5.7 प्रतिशत के अनुमान से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है. दास ने कहा कि मुद्रास्फीति का जोखिम बना हुआ है और टमाटर की कीमतों में हालिया वृद्धि खाद्य मुद्रास्फीति को बढ़ावा देगी. इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में ग्लोबल वृद्धि महंगाई को और बढ़ाएगी.
- FY23 में महंगाई दर 6.7% संभव
- FY23 के Q1 में महंगाई दर 7.5% संभव
- FY23 के Q2 में महंगाई दर 7.4% संभव
- FY23 के Q3 में महंगाई दर 6.2% संभव
- FY23 के Q4 में महंगाई दर 5.8% संभव
RBI ने मुद्रास्फीति के अनुमानों को संशोधन करते हुए बढ़ाया है, क्योंकि घरेलू खुदरा मुद्रास्फीति (domestic retail inflation) लगातार पिछले चार महीनों के लिए RBI के तय लेवल 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है. इसे मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध ने प्रभावित किया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़त करने को लेकर PropertyPistol.com के फाउंडर और सीईओ आशीष नारायण अग्रवाल ने कहा कि इस कदम से देश में बढ़ती हुई महंगाई को संतुलित करने में मदद मिलने की उम्मीद है. इसका होम बॉयर्स पर तुरंत असर पड़ सकता है. इसके घर की खरीदारी में कमी आ सकती है.
उन्होंने कहा कि अधिकांश समय बैंक लोन चाहने वालों पर तुरंत बढ़ी हुई दर का बोझ नहीं डाल सकते हैं. बजाए इसके खरीदार ईएमआई राशि को बरकरार रखते हुए ऋण अवधि बढ़ाने के बारे में सोच सकते हैं, जो उन्हें कुछ हद तक राहत प्रदान कर सकता है. उन्हें अपने वित्त की योजना भी इस तरह से बनानी चाहिए कि ऐसी स्थिति में कीमतों में बढ़ोतरी और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के लिए कुछ बफर रखा जाए.
01:26 PM IST