RBI का अनुमान, दूसरी तिमाही में ऊंची रह सकती है महंगाई दर
RBI गवर्नर शक्तिकांता दास के मुताबिक, दूसरी छमाही में महंगाई दर ऊंची रहने का अनुमान है.
रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) की मॉनिटरिंग पॉलिसी में ब्याज दरों में आज कोई बदलाव नहीं किया गया है. (Image:PTI)
रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) की मॉनिटरिंग पॉलिसी में ब्याज दरों में आज कोई बदलाव नहीं किया गया है. (Image:PTI)
रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) की मॉनिटरिंग पॉलिसी में ब्याज दरों में आज कोई बदलाव नहीं किया गया है. रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. इसके पहले मई में ब्याज दरों में 40 बेसिस प्वॉइंट और मार्च में 75 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की गई थी. इस साल अबतक दरों में 115 बेसिस प्वॉइंट की कटौती हो चुकी है.
बढ़ सकती है महंगाई
RBI गवर्नर शक्तिकांता दास के मुताबिक, दूसरी छमाही में महंगाई दर ऊंची रहने का अनुमान है. खाने की चीजों के दाम बढ़ सकते हैं. इस साल जून में सालाना महंगाई दर मार्च के 5.84 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 6.09 फीसदी हो गई. यह RBI के मीडियम टर्म टारगेट से ज्यादा है. RBI का यह टारगेट 2-6 फीसदी है.
इसलिए नहीं हुआ बदलाव
रिजर्व बैंक ने हाल में छह फीसदी से ऊपर निकल चुकी महंगाई पर अंकुश रखने के लिए आज ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया.
दिख रहा मुद्रास्फीति का दबाव
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण घरेलू खाद्य महंगाई तेज बनी रहेगी. आरबीआई के मौद्रिक नीति बयान 2020-21 में कहा कि कोविड-19 के चलते आपूर्ति करने में परेशानी हो रही है, जिससे खानेपीने और दूसरी वस्तुओं पर मुद्रास्फीति का दबाव है.
कृषि सेक्टर से है उम्मीद
इसके अलावा दास ने कृषि सेक्टर को लेकर उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि खरीफ फसल की वजह से ग्रामीण मांग के और मजबूत होने की उम्मीद है.
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कोरोना संकट की वजह से बढ़ी परेशानियां
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोविड-19 के लंबे समय तक चलने की वजह से ये परेशानियां हो रही हैं. कोविड-19 की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष में संकुचन का अनुमान है. उन्होंने कहा कि महामारी पर अगर जल्द काबू पाया जाता है तो इकोनॉमी को गति मिलेगी.
10:17 PM IST