बाजार में कैश बढ़ाने पर है बैंकरों का जोर, वित्त मंत्री को दिया सुझाव
मोदी सरकार-2.0 का पूर्ण बजट 5 जुलाई को पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश होने से पहले उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मिलकर उनके सुझाव ले रही हैं.
बैंकरों ने वित्त मंत्री से अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी (तरलता) यानी कैश फ्लो को लेकर चिंता जताई है. (PTI)
बैंकरों ने वित्त मंत्री से अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी (तरलता) यानी कैश फ्लो को लेकर चिंता जताई है. (PTI)
मोदी सरकार-2.0 का पूर्ण बजट 5 जुलाई को पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश होने से पहले उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मिलकर उनके सुझाव ले रही हैं. उन्होंने गुरुवार को वित्तीय और पूंजी बाजार क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ प्री बजट मीटिंग की. सूत्रों ने बताया कि बैंकरों ने वित्त मंत्री से अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी (तरलता) यानी कैश फ्लो को लेकर चिंता जताई है.
सूत्रों ने बताया कि बैठक में NBFC क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने लिक्विडिटी बढ़ाने का सुझाव दिया. हालांकि बैंकरों ने पहले ही कह दिया था कि वे बिना सरकारी गारंटी के वित्तीय मदद नहीं करेंगे. फाइनेंशियल सेक्टर चाहता है कि अगर बैंक NBFC को मदद करते हैं तो यह सरकारी गारंटी के साथ ही संभव हो पाएगा. यानी बैंकों की आर्थिक सुरक्षा की गारन्टी सरकार को लेनी होगी.
समाचार एजेंसी IANS ने बैठक से पहले खबर दी थी कि वित्त मंत्री बैंकों को MSME और छोटे कर्जदारों के लिए साख प्रवाह सुगम बनाने के लिए कह सकती हैं. बैंकरों और वित्तीय सेवा संस्थानों के बीच बैठक में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) पर RBI के संशोधित सर्कुलर पर अधिक जायजा लेने की उम्मीद है.
#FinanceMinister की बैंक-NBFCs से बैठक में #CorporateMarket को आगे बढ़ाने और NBFCs रिलेटेड इश्यूस पर डिसकशन हुआ- IDBI के CEO राकेश शर्मा @IDBI_Bank @FinMinIndia @nsitharaman pic.twitter.com/CpPDzlglyv
— Zee Business (@ZeeBusiness) June 13, 2019
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RBI के आंकड़ों के अनुसार, बैंक साख में 14.88 फीसदी की वृद्धि हुई है. वित्तमंत्री पीएसयू बैंकों को आरबीआई द्वारा प्रमुख ब्याज दर में कटौती के फायदे का हस्तांतरण आम ग्राहकों तक करने की याद दिला सकती हैं.
03:03 PM IST