भारत का विदेशी पूंजी भंडार (Global forex reserve) 500 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है. RBI के आंकड़ों के मुताबिक 5 जून को खत्म हफ्ते के दौरान इसमें 8.223 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई. इसके साथ ही, भारत अब चीन और जापान के बाद दुनिया का सबसे समृद्ध विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश बन गया है.
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विदेशी भंडार
यह उपलब्धि तब है जब 1980-90 के दशक में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो गया था. इस कारण 1991 में सोना गिरवी रखने की नौबत आ गई थी. इसके बाद स्विट्जरलैंड के बैंक ने भारत को सोने के बदले 20 करोड़ डॉलर दिए थे. यानि 3 दशकों में शून्य से 500 डॉलर तक की यात्रा तय की.
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रिजर्व बैंक
RBI के साप्ताहिक आंकड़े के मुताबिक कुल विदेशी पूंजी भंडार 29 मई को खत्म हफ्ते के दौरान के 493.480 अरब डॉलर से बढ़कर 501.703 अरब डॉलर हो गया है.
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स्वर्ण भंडार
भारतीय विदेशी पूंजी भंडार में विदेशी मुद्रा भंडार, स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत का भंडार शामिल होता है. विदेशी पूंजी भंडार में सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा भंडार साप्ताहिक आधार पर 8.422 अरब डॉलर बढ़कर 463.630 अरब डॉलर हो गया.
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आनंद महिंद्रा
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने इस उपलब्धि पर उस दौर को याद किया. उन्होंने Tweet किया कि 30 साल पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार शून्य पर चला गया था. अब यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश बन गया है.
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एसडीआर वैल्यू
हालांकि देश का स्वर्ण भंडार 32.9 करोड़ डॉलर घटकर 32.352 अरब डॉलर पर आ गया. लेकिन SDR वैल्यू एक करोड़ डॉलर बढ़कर 1.442 अरब डॉलर हो गई. IMF में देश का भंडार 12 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.278 अरब डॉलर हो गया.
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