ईरान तनाव के बीच मंत्री हरदीप पुरी ने दी राहत, पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कैसे काम आया पीएम मोदी का प्लान
अमेरिका की तरफ से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के बाद ग्लोबल स्तर पर तनाव बढ़ गया है. हालांकि, तेल की कीमतों में इजाफे की आशंकाओं के बीच हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत के पास तेल का पर्याप्त स्टॉक है.
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11:16 PM IST
अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किए जाने के बाद से वैश्विक स्तर पर तनाव बढ़ गया है और इससे कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हो सकता है, जो कि इस महीने पहले ही 20 प्रतिशत के करीब बढ़ चुकी हैं. इस बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत मध्य पूर्व में बदलते भू-राजनीतिक हालात पर करीब से नजर रख रहा है. साथ ही ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के पास पर्याप्त मात्रा में कई हफ्तों का स्टॉक है.
OMC के पार पर्याप्त स्टॉक
हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- "हम बीते दो हफ्ते से मिडिल ईस्ट में बदलते भू-राजनीतिक हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, हमने पिछले कुछ साल में अपनी सप्लाई में विविधता लाई है और अब हमारी सप्लाई का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य के रास्ते नहीं आता है. हमारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के पास कई हफ्तों का स्टॉक है और उन्हें कई दूसरे रास्तों में लगातार ऊर्जा की सप्लाई मिल रही है. हम सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे."
We have been closely monitoring the evolving geopolitical situation in the Middle East since the past two weeks. Under the leadership of PM @narendramodi Ji, we have diversified our supplies in the past few years and a large volume of our supplies do not come through the Strait…
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) June 22, 2025
कच्चे तेल की जरूरत का 85 फीसदी आयात
भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है, और तेल की कीमतों में उछाल से देश के तेल आयात बिल में वृद्धि हो सकती है और मुद्रास्फीति की दर बढ़ सकती है, जिससे आर्थिक विकास को नुकसान पहुंच सकता है. विदेशी मुद्रा के बड़े पैमाने पर आउटफ्लो से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में भी कमजोरी आ सकती है. होर्मुज स्ट्रेट मध्य-पूर्व में एक चोक प्वाइंट है. इस मार्ग से सऊदी अरब और यूएई आदि भी शिपिंग करते हैं और पहले भी ईरान ने इसे बंद करने की चेतावनी दी है.
कीमतों पर पड़ता है खास असर
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एमके ग्लोबल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान प्रतिदिन लगभग 3.3 मिलियन बैरल (एमबीपीडी) कच्चे तेल का उत्पादन करता है और लगभग 1.5 एमबीपीडी का निर्यात करता है, जिसमें चीन 80 प्रतिशत भागीदारी के साथ मुख्य आयातक है. ईरान होर्मुज स्ट्रेट के उत्तरी किनारे पर भी है, जिसके माध्यम से दुनिया में 20 एमबीपीडी से अधिक कच्चे तेल का व्यापार होता है. माना जा रहा है कि मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष का सऊदी अरब, इराक, कुवैत और यूएई से तेल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है, जिससे कीमतों में भारी उछाल आएगा.
11:16 PM IST