सड़क पर 'बेधड़क' दौड़ेंगे ई-रिक्शा, सरकार ने कमर्शियल वाहनों के लिए दी बड़ी सहूलियत
सरकार की नीति ईंधन आयात घटाने, निर्यात बढ़ाने और प्रदूषण में कमी लाने की है
देश अभी दो चुनौतियों प्रदूषण और ईंधन आयात के बढ़ते खर्च का सामना कर रहा है. (फाइल फोटो)
देश अभी दो चुनौतियों प्रदूषण और ईंधन आयात के बढ़ते खर्च का सामना कर रहा है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली : केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहनों सहित एथनॉल और मेथनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन पर जोर दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकार की नीति ईंधन आयात घटाने, निर्यात बढ़ाने और प्रदूषण में कमी लाने की है. वाहन कंपनियों के शीर्ष संगठन सियाम के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों और वैकल्पिक ईंधन वाले वाणिज्यिक वाहनों के लिए कोई परमिट की जरूरत नहीं पड़ेगी. हम बॉयो-सीएनजी के वाहनों पर भी छूट देने का विचार कर रहे हैं. सरकार के कहने पर सियाम ने 2030 तक 40 प्रतिशत वाहन बिजली से चलाने और 2047 तक 100 प्रतिशत वाहनों को इसके दायरे में लाने के लिए नीति का प्रस्ताव किया है.
देश के सामने भीषण ईंधन संकट
परिवहन मंत्री ने पिछले साल एक समय वाहन उद्योग को धमकी भरे लहजे में कहा था कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन शुरू करें अन्यथा आटोमोबाइल उद्योग ध्वस्त हो जाएगा. बहरहाल, उन्होंने इस मामले में सहमतिपूर्ण रुख दिखाते हुए कहा कि सरकार पेट्रोल, डीजल ईंधन के खिलाफ नहीं है. गडकरी ने कहा कि देश अभी दो चुनौतियों प्रदूषण और ईंधन आयात के बढ़ते खर्च का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा, 'ऑटोमोबाइल क्षेत्र में तेजी से आयात का खर्च बढ़ रहा है. यह हमारी अर्थव्यवस्था के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है और हमें इसके लिए एक कार्यक्रम लेकर सामने आना होगा.'
बॉयो उत्पादों में काफी संभावनाएं
शीरा, कपास अपशिष्ट, बायोमास और मक्के जैसे बायो उत्पादों में काफी संभावनाएं हैं और इनसे एथनॉल बन सकता है जो वैकल्पिक ईंधन के रूप में प्रयोग में लाया जा सकता है. उन्होंने कहा, 'वैकल्पिक ईंधन हमारे लिए आवश्यक है.' हालांकि गडकरी ने कहा, 'बिना आपके समर्थन के वैकल्पिक ईंधन की प्रगति नहीं हो सकती है.' पारंपरिक ईंधनों के भविष्य पर वाहन उद्योग की चिंताओं को दूर करते हुए गडकरी ने कहा, मैं पेट्रोल-डीजल के खिलाफ नहीं हूं और हम किसी भी उद्योग को बंद नहीं करने जा रहे हैं.
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गुवाहाटी में मेथनॉल से चल रही हैं बसें
गडकरी ने मुंबई-पुणे मार्ग तथा गुवाहाटी में मेथनॉल से चलने वाली बसें चलाने की परीक्षण परियोजना के अपने मंत्रालय के निर्णय का जिक्र करते हुए निजी क्षेत्र से वैकल्पिक ईंधन अपनाने को कहा. उन्होंने लागत कम करने तथा प्रदूषण घटाने के लिए वाहन उद्योग से ढुलाई के लिए जलमार्ग का इस्तेमाल करने को भी कहा. उन्होंने कहा कि यह देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देगा.
07:20 PM IST