अर्थव्यवस्था में होने वाले बदलावों को समझने के लिए विशेष सिस्टम डेवलप करने की जरूरतः प्रभु
Economy: प्रभु ने कहा कि देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी महज 16 फीसदी है, इसके बावजूद देश की करीब 60 प्रतिशत आबादी कृषि से जुड़ी है. 'ऐसे में जीडीपी और रोजगार सृजन में क्या संबंध है?'
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु (फाइल फोटो - पीटीआई)
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु (फाइल फोटो - पीटीआई)
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से हो रहे बदलावों और रोजगार सृजन को समझने के लिए उचित तंत्र विकसित करने की जरूरत पर बल दिया है. भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि के सात प्रतिशत प्रतिशत से ऊपर रहने को लेकर कुछ संदेह प्रकट किए जाने के बाद मंत्री ने यह बयान दिया है.
एक सवाल के जवाब में प्रभु ने कहा, 'भारत की बदलती अर्थव्यवस्था में रोजगार का सृजन त्वरितगति से हो रहा है. इसको समझने के लिए एक उचित सांचे की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि देश का स्वरूप बदलने पर रोजगार सृजन और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बीच के संबंध में बदलाव जरूर देखने को मिलेगा.
प्रभु ने कहा कि देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी महज 16 फीसदी है, इसके बावजूद देश की करीब 60 प्रतिशत आबादी कृषि से जुड़ी है. उन्होंने सवाल किया, 'ऐसे में जीडीपी और रोजगार सृजन में क्या संबंध है?'
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मंत्री ने कहा कि 1960 और 1970 के दशक में सरकार बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार देती थी, बाद में निजी क्षेत्र ने लोगों को रोजगार दिए. उन्होंने कहा कि अब स्टार्टअप भी बड़े पैमाने पर लोगों को नौकरी के अवसर उपलब्ध करा रहे हैं लेकिन उससे जुड़े आंकड़े को दर्ज करना सबसे बड़ी चुनौती है.
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उल्लेखनीय है कि राजन ने वृद्धि दर के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जीडीपी आंकड़ों को लेकर मौजूद संदेह को खत्म करने के लिए एक निष्पक्ष संगठन का गठन किया जाना चाहिए.
08:52 PM IST