फर्नीचर सेक्टर के लिए PLI स्कीम लाएगी सरकार, नौकरियों के बनेंगे मौके
PLI Scheme: बता दें कि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और इम्पोर्ट बिल में कटौती करने के लिए, केंद्र की मोदी सरकार ने मार्च 2020 में एक पीएलआई स्कीम शुरू की थी. इसका उद्देश्य घरेलू कंपनियों में निर्मित उत्पादों की बिक्री में बढ़ोतरी पर कंपनियों को प्रोत्साहन देना है.
सरकार अब तक 14 सेक्टर्स के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपये की पीएलआई योजना ला चुकी है. (Pixabay)
सरकार अब तक 14 सेक्टर्स के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपये की पीएलआई योजना ला चुकी है. (Pixabay)
PLI Scheme For Furniture: सरकार कुछ खास तरह के फर्नीचर (Furniture) के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI Scheme) योजना लाने पर विचार कर रही है जिससे घरेलू मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया जा सके और सेक्टर में नौकरियों के अवसर पैदा हों. अभी इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श चल रहा है. एक अधिकारी के मुताबिक, मोल्डेड फर्नीचर और खिलौनों के लिए पीएलआई योजना लाने पर चर्चा चल रही है.
14 सेक्टर्स के लिए 2 लाख करोड़ की PLI स्कीम जारी
सरकार अब तक ऑटो, ऑटो कम्पोनेंट्स, व्हाइट गुड्स, फार्मा, टेक्सटाइल्स, स्पेशियलिटी स्टील समेत 14 सेक्टर्स के लिए करीब दो लाख करोड़ रुपये की पीएलआई योजना ला चुकी है. इस स्कीम का उद्देश्य घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धा बनाना है.
ट्रेड प्रोमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि मोल्डेड फर्नीचर (Moulded Furniture) के सेक्टर में पहले से ही काफी प्रतिस्पर्धा है लिहाजा इस सेक्टर के लिए PLI स्कीन योजना लाना एक समझदारी भरा कदम होगा.
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ग्लोबल मार्केट में इन देशों की हिस्सेदारी ज्यादा
अनुमानों के मुताबिक फर्नीचर का मौजूदा निर्यात करीब 40 करोड़ डॉलर सालाना का है. इसके ग्लोबल मार्केट में चीन, जर्मनी, पोलैंड, इटली और वियतनाम की हिस्सेदारी ज्यादा है.
क्या है PLI Scheme?
घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और इम्पोर्ट बिल में कटौती करने के लिए, केंद्र की मोदी सरकार ने मार्च 2020 में एक प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम शुरू की थी. इसका उद्देश्य घरेलू कंपनियों में निर्मित उत्पादों की बिक्री में बढ़ोतरी पर कंपनियों को प्रोत्साहन देना है.
देश में पीएलआई स्कीम के लिए 14 सेक्टर्स का चुनाव किया गया है. इसके तहत सरकार देश में मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को 2 लाख करोड़ रुपये का अलग-अलग मद में प्रोत्साहन देगी. भारत में विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करने के अलावा, इस योजना का उद्देश्य स्थानीय कंपनियों को मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की स्थापना या विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करना भी है.
07:36 PM IST