देश का कृषि बजट 10 साल में 11 गुना बढ़ा, यहां जानें ताजा आंकड़े, कृषि उपज पर सरकारी खर्च तेज
सरकार के मुताबिक, वर्ष 2009-10 में कृषि बजट 12000 करोड़ रुपये था जो आज 1.34 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है.
सरकार के मुताबिक, बीते कई सालों में फसलों के समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोतरी हुई है.(रॉयटर्स)
सरकार के मुताबिक, बीते कई सालों में फसलों के समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोतरी हुई है.(रॉयटर्स)
देश के कृषि बजट में बीते 10 सालों में काफी बढ़ोतरी हुई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बीते दसस सालों में देश का कृषि बजट 11 गुना बढ़ गया है. यह जानकारी केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने आज दी है. सरकार के मुताबिक, वर्ष 2009-10 में कृषि बजट 12000 करोड़ रुपये था जो आज 1.34 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि यह सरकार की किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को दिखाता है.
उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों का मकसद किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए मार्केटिंग की छूट देना है. हालांकि, ऐसी सिर्फ आशंकाएं हैं कि किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) व्यवस्था खत्म कर दी जाएगी. एमएसपी वह कीमत है जो सरकार, किसानों को उनकी उपज के लिए तय करती है.
कृषि मंत्रालय के बजट में बढ़ोतरी, समर्थन मूल्य पर खाद्यान्नों और दूसरी कृषि उपज की खरीद पर सरकारी खर्च में काफी बढ़ोतरी का संकेत है. एमएसपी किसानों को बाजार में उतार-चढ़ाव से बचाता है. केंद्रीय मंत्री पीएचडीसीसीआई की तरफ से आयोजित- ‘‘पूंजी बाजार और जिंस बाजार पर वर्चुअल एनुअल कॉन्फ्रेंस: आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में वित्तीय बाजार की भूमिका’’ विषय पर बोल रहे थे.
उन्होंने नए कृषि कानूनों को लेकर कहा कि इससे किसानों को बहुत फायदा होगा क्योंकि वे अपनी उपज को दूसरे राज्यों में भी बेहतर कीमतों पर बेच सकेंगे. मंत्री ने एमएसपी सिस्टम को खत्म किये जाने को लेकर फैली आशंकाओं को दरकिनार करते हुए कहा कि बीते कई सालों में फसलों के समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोतरी हुई है.
उन्होंने सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंधों और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाज की परिस्थिति पर संसद में पारित की गई तीन प्रमुख श्रम कानून के बारे में भी कहा कि इन सुधारों से मजदूरों को आने वाले दिनों में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी. गंगवार ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ने तीन श्रम कानूनों पर अपनी सहमति दे दी है.
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उन्होंने कहा कि ये श्रम कानून कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करेंगी. उन्होंने कहा उद्योग और मजदूर एक-दूसरे के पूरक होंगे और इसलिए उन्हें बदलते समय के साथ मिलकर काम करना होगा. उन्होंने उद्योग जगत के अग्रणी लोगों से भारत को 5,000 अरब डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को पाने के लिए सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की.
09:06 PM IST