Dollar vs Rupees: पिछले डेढ़ साल में रुपए के लिए सबसे बुरा रहा यह सप्ताह, अभी और फिसलने का अनुमान
Dollar vs Rupees: फेडरल रिजर्व के फैसले के बाद रुपए में भारी गिरावट आई और यह 81 के नीचे फिसल गया. जानकारों का कहना है कि अभी रुपए पर दबाव बना रहेगा और यह 81.50 तक फिसल सकता है. डॉलर इंडेक्स 114 तक पहुंच सकता है.
Dollar vs Rupees: अमेरिका की महंगाई की जंग में इंडियन करेंसी बुरी तरह से पिट रही है. आज डॉलर के मुकाबले रुपया 81 के नीचे 81.23 के स्तर तक फिसला. हालांकि, कारोबार के दौरान इसने थोड़ी मजबूती दिखाई और आखिरकार इस सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में यह 80.99 के स्तर पर बंद हुआ. साप्ताहिक प्रदर्शन की बात करें तो रुपए का प्रदर्शन पिछले 1.5 साल में सबसे कमजोर रहा है. डॉलर के मुकाबले चाइनीज युआन भी 28 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. इंडियन करेंसी में आई इस गिरावट का असर स्टॉक मार्केट पर भी दिखा. इधर फेडरल रिजर्व के एक्शन से डॉलर इंडेक्स नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया और यह 112 के स्तर को पार कर चुका है.
नेगेटिव जोन में घुसा इंडियन स्टॉक मार्केट
आज सेंसेक्स में 1033 अंकों की (1.75 फीसदी), निफ्टी में 305 अंकों की (1.73 फीसदी) और निफ्टी बैंक में 1165 अंकों की यानी 2.87 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई. इंडियन स्टॉक मार्केट नेगेटिव जोन में घुस चुका है और बेयर हावी हो चुके हैं. यह लगातार दूसरा सप्ताह है जब सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई है. पिछले सप्ताह के उच्चतम स्तर के मुकाबले सेंसेक्स और निफ्टी में 4-4 फीसदी की गिरावट आई है. वहीं बैंक निफ्टी में 6 फीसदी की गिरावट आई है.
इंट्रेस्ट रेट बढ़ोतरी से रुपए पर दबाव
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि महंगाई को काबू में करने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) और बैंक ऑफ इंग्लैंड (Bank of England) के दरों में बढ़ोतरी करने और यूक्रेन में तनाव बढ़ने की वजह से निवेशक जोखिम उठाने से बच रहे हैं. इसके अलावा विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट भी रुपए को प्रभावित कर रहे हैं.
इस साल 125 बेसिस प्वाइंट्स की और बढ़ोतरी संभव
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अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार इंट्रेस्ट रेट में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की है. वहीं बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी गुरुवार को इंट्रेस्ट रेट बढ़ाकर 2.25 फीसदी कर दिया. बैंक ऑफ इंग्लैंड ने इंट्रेस्ट रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. स्विस नेशनल बैंक ने भी ब्याज दर 0.75 फीसदी बढ़ाई है. माना जा रहा है कि इस महीने होने वाली रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में वह रेपो रेट 50 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ा सकता है. इससे रुपए को थोड़ा सहारा मिलेगा.
112 के पार पहुंचा डॉलर इंडेक्स
कोटक सिक्यॉरिटीज के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट, टेक्निकल रिसर्च, अमोल अठावले ने कहा कि फेड के फैसल के बाद निवेशक शेयर को डंप कर रहे हैं जिससे बाजार पर दबाव है. रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ने से भी सेंटिमेंट कमजोर हुआ है. यही वजह है कि निवेशक डॉलर में जमा कर रहे हैं जिसके कारण डॉलर इंडेक्स 112 को पार कर चुका है.
डॉलर इंडेक्स में आएगा करेक्शन
कोटक सिक्यॉरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रविंद्र राव, कमोडिटी रिसर्च, ने कहा कि महंगाई में थोड़ी राहत आई है जिसके बावजूद फेड ने अग्रेसिव रुख अपनाया है. दूसरे सेंट्रल बैंक्स भी इंट्रेस्ट रेट बढ़ा रहे हैं जिससे डॉलर इंडेक्स में करेक्शन आएगा.
जेपी मॉर्गन इंडेक्स में शामिल होने से रुपए को मिलेगी मजबूती
फेडरल रिजर्व के फैसले पर ICICI डायरेक्ट ने कहा कि नवंबर और दिसंबर में भी फेडरल रिजर्व 75 और 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर सकता है. डॉलर इंडेक्स जब तक 107.50 के ऊपर बना रहेगा, तब तक इसमें तेजी रहेगी और आने वाले समय में यह 114 के स्तर तक पहुंच सकता है. ट्रेड डेफिसिट बढ़ने के कारण रुपए पर दबाव है और यह आने वाले दिनों में 81.50 तक फिसल सकता है. इस बात की संभावना है कि जेपी मॉर्गन अपने इंडेक्स में सरकारी बॉन्ड को शामिल कर सकता है जिससे रुपए को मजबूती मिलेगी.
05:26 PM IST