छोटे कारोबारियों को मिली GST Council ने दी बड़ी राहत, अब इन्हें भी मिली GST से छूट
GST Council (वस्तु एवं सेवा कर परिषद) ने छोटे कारोबारियों को बड़ी दी है. जीएसटी काउंसिल ने GST से छूट की सीमा को दोगुना कर 40 लाख रुपये कर दिया है.
छोटे कारोबारियों को GST में बड़ी राहत (फोटो: Reuters)
छोटे कारोबारियों को GST में बड़ी राहत (फोटो: Reuters)
GST Council (वस्तु एवं सेवा कर परिषद) ने छोटे कारोबारियों को बड़ी दी है. जीएसटी काउंसिल ने GST से छूट की सीमा को दोगुना कर 40 लाख रुपये कर दिया है. इसके अलावा, अब 1.5 रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयां 1% की दर से GST भुगतान की कम्पोजिशन योजना का लाभ उठा सकेंगी. यह व्यवस्था 1 अप्रैल से प्रभावी होगी. पहले 1 करोड़ रुपये तक के कारोबार पर यह सुविधा प्राप्त थी.
राज्यों को होगी 20 लाख या 40 लाख रुपये की सीमा चुनने की छूट
राज्यों को 20 लाख रुपये या 40 लाख रुपये की छूट सीमा में से किसी को भी चुनने का विकल्प होगा. क्योंकि कुछ राज्य छूट सीमा बढ़ाने को राजी नहीं थे. उनका कहना था कि छूट सीमा बढ़ाने से उनके करदाताओं का आधार कम हो जाएगा. उन्हें विकल्प चुनने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद कहा कि छोटे कारोबारियों के लिए GST छूट सीमा को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये सालाना कर दिया गया है जबकि पूर्वोत्तर राज्यों में इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है. पूर्वोत्तर राज्यों के व्यवसायियों के लिए पहले यह सीमा 10 लाख रुपये थी.
70% कारोबारियों को होगा फायदा, 5,200 करोड़ के राजस्व का हो सकता है नुकसान
उद्योग मंडल CII के अनुसार, जीएसटी काउंसिल की इस पहल से पंजीकृत 1.17 करोड़ कारोबारियों में से करीब 70 प्रतिशत का फायदा होगा. सूत्रों ने कहा कि यदि सभी राज्यों द्वारा छूट सीमा दोगुनी करने के फैसले को लागू किया जाता है तो इससे सालाना 5,200 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा.
केरल को 2 साल के लिए आपदा उपकर लगाने की अनुमति
इसके अलावा जीएसटी काउंसिल ने केरल को 2 साल के लिए राज्य में एक प्रतिशत ‘आपदा’ उपकर लगाने की अनुमति दे दी है. केरल में पिछले साल भयंकर बाढ़ से जानमाल का काफी नुकसान हुआ. राज्य में पुननिर्माण एवं पुनर्वास कार्यों के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए राज्य सरकार उपकर लगाने की मांग कर रही थी.
इन्हें भी मिलेगा कम्पोजिशन योजना का लाभ
वित्त मंत्री ने कहा कि कम्पोजिशन योजना के तहत छोटे व्यापारियों को अपने कारोबार के आधार पर एक प्रतिशत का कर देना होता है. एक अप्रैल से अब इस योजना का लाभ डेढ़ करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले उठा सकते हैं. इसके अलावा 50 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले सेवा प्रदाता और माल आपूर्ति दोनों काम करने वाले कारोबारी भी जीएसटी कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुन सकते हैं. उन्हें छह प्रतिशत की दर से कर देना होगा. कम्पोजिशन योजना के तहत लिये गये इन दोनों निर्णयों से राजस्व पर सालाना 3,000 करोड़ रुपये तक का प्रभाव होगा. जेटली ने बाद में ट्वीट किया कि जीएसटी काउंसिल ने अपनी 32वीं बैठक में बृहस्पतिवार को MSME क्षेत्र को बड़ी राहत दी है.
रियल एस्टेट के लिए तय होंगी GST की दरें
जेटली ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र की जीएसटी दर तय करने के मुद्दे पर एक सात सदस्यीय मंत्री समूह बनाया गया है. लॉटरी को जीएसटी के दायरे में लाने के मामले में भी अलग अलग विचार रहे इस पर भी एक मंत्री समूह विचार करेगा. जेटली ने कहा कि कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वालों को सालाना सिर्फ एक टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा और हर तिमाही में एक बार टैक्स का भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा कि जीएसटी का एक बड़ा हिस्सा संगठित क्षेत्र और बड़ी कंपनियों से आता है. इन सभी फैसलों का मकसद SME की मदद करना है. उन्हें कई विकल्प दिए गए हैं. यदि वे सेवा क्षेत्र में हैं तो 6% कर का विकल्प चुन सकते हैं. विनिर्माण और व्यापार में हैं और डेढ़ करोड़ रुपये का कारोबार है तो 1% कर देना होगा. वे 40 लाख रुपये तक की छूट सीमा का लाभ ले सकते हैं.
किन्हें मिलेगा 40 लाख रुपये की छूट की सीमा का लाभ?
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा कि अभी जीएसटी छूट की सीमा 20 लाख रुपये है, लेकिन 10.93 लाख करदाता ऐसे हैं जो 20 लाख रुपये की सीमा से नीचे हैं लेकिन कर अदा कर रहे हैं. पांडेय ने स्पष्ट किया कि 40 लाख रुपये की छूट की सीमा उन इकाइयों के लिए है जो वस्तुओं का कारोबार करते हैं और राज्य के भीतर व्यापार करते है. एक राज्य से दूसरे राज्य में कारोबार करने वाली इकाइयों को यह छूट सुविधा नहीं मिलेगी. कम्पोजिशन योजना के तहत व्यापारी और विनिर्माता एक प्रतिशत की रियायती दर से कर का भुगतान कर सकते हैं. रेस्तरांओं को इसके तहत 5% जीएसटी देना होता है.
वीडियो में इस खबर को विस्तार से देखें
18 लाख इकाइयों ने चुना है कम्पोजिशन योजना का विकल्प
जीएसटी के तहत पंजीकृत इकाइयों की संख्या 1.17 करोड़ से अधिक है. इनमें से 18 लाख इकाइयों ने कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुना है. नियमित करदाता को मासिक आधार पर कर देना होता है जबकि कम्पोजिशन योजना के तहत आपूर्तिकर्ता को तिमाही आधार पर कर चुकाना होता है. इसके अलावा कम्पोजिशन योजना के तहत करदाता को सामान्य करदाता की तरह विस्तृत रिकॉर्ड रखने की जरूरत नहीं होती. सेवा प्रदाताओं की कम्पोजिशन योजना के बारे में सुशील मोदी ने कहा कि GST में नई कम्पोजिशन योजना में 50 लाख रुपये का कारोबार और 6% की दर होगी. छत्तीसगढ़ और कांग्रेस शासित राज्य 8% GST चाहते थे. बाहर कांग्रेस निम्न कर की बात करती है और बैठक में ऊंची कर के लिए लड़ती है.
08:59 AM IST