1 अप्रैल से लागू होंगी रियल एस्टेट में GST की नई दरें, रजिस्टर्ड डीलर से खरीदना होगा 80% सामान
जीएसटी काउंसिल की मंगलवार को हुई बैठक में रियल एस्टेट सेक्टर के नए टैक्स स्ट्रक्चर को लागू करने के लिए एक ट्रांजिशन प्लान को मंजूरी दी गई.
जीएसटी काउंसिल ने 24 फरवरी रियल एस्टेट की दरों को घटाया था (फोटो- रायटर्स)
जीएसटी काउंसिल ने 24 फरवरी रियल एस्टेट की दरों को घटाया था (फोटो- रायटर्स)
जीएसटी काउंसिल की मंगलवार को हुई बैठक में रियल एस्टेट सेक्टर के नए टैक्स स्ट्रक्चर को लागू करने के लिए एक ट्रांजिशन प्लान को मंजूरी दी गई. राजस्व सचिव एबी पाण्डेय ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस ट्रांजिशन के लिए राज्यों के साथ बातचीत करके उन्हें उचित समय दिया जाएगा. इस बैठक में रियल एस्टेट सेक्टर में जीएसटी की दरों में कमी को लागू करने के प्रावधानों पर विचार किया गया.
जीएसटी काउंसिल ने 24 फरवरी को अपनी बैठक में अफोर्डेबल कटैगरी के निर्माणाधीन फ्लैट के लिए टैक्स की दर को घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया था. अन्य कटैगरी के लिए टैक्स की दर घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई थी. पाण्डेय ने बताया कि नए प्रोजेक्ट के लिए जीएसटी की दरें 1 अप्रैल से अनिवार्य हैं. जीएसटी काउंसिल ने फैसला किया है कि निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के पास नए रेट में शिफ्ट होने का विकल्प होगा.
काउंसिल ने यह निर्णय भी किया है कि बिल्डर 80% सामान रजिस्टर्ड डीलर से ही खरीदेंगे. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि रियल एस्टेट सेक्टर में इनपुट के तौर पर बड़ी लागत ईंट, पत्थर, हार्डवेयर आदि की होती है, जो आमतौर पर असंगठित क्षेत्र से ली जाती हैं. इसलिए कुल मटेरियल का 80% पंजीकृत डीलर से खरीदना एक बड़ी चुनौती होगी.
03:45 PM IST