सोना भी आ सकता है E-Way Bill के दायरे में, GST काउंसिल में होगा फैसला
20 सितंबर को जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक होने जा रही है. इस बैठक में सोने के ट्रांसपोर्टेशन पर ई-वे बिल (E-Way Bill) लागू किया जा सकता है.
गोल्ड ट्रांसपोर्ट पर सरकार ई-वे बिल लागू कर सकती है. अभी तक सोने (Gold) को एक राज्य से दूसरे राज्य में लाने-जाने पर ई-वे बिल नहीं लगता है.
गोल्ड ट्रांसपोर्ट पर सरकार ई-वे बिल लागू कर सकती है. अभी तक सोने (Gold) को एक राज्य से दूसरे राज्य में लाने-जाने पर ई-वे बिल नहीं लगता है.
20 सितंबर को जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक होने जा रही है. इस बैठक में सरकार बड़े फैसले ले सकती है. इनमें एक बड़ा फैसला यह है कि सोने के ट्रांसपोर्टेशन पर ई-वे बिल (E-Way Bill) लागू किया जा सकता है.
गोल्ड ट्रांसपोर्ट पर सरकार ई-वे बिल लागू कर सकती है. अभी तक सोने (Gold) को एक राज्य से दूसरे राज्य में लाने-जाने पर ई-वे बिल नहीं लगता है. जानकारों का मानना है कि सुरक्षा कारणों के चलते सोने पर ई-वे बिल नहीं लगता है. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) ने भी सोने के ट्रांसपोर्टेशन को ई-वे बिल के दायरे में लाने की मांग की है. हालांकि कुछ राज्यों ने इस प्रस्ताव पर ऐतराज भी जताई है. लेकिन सरकार का मानना है कि सोने के कारोबार में पारदर्शिता लाने के लिए यह बहुत जरूरी कदम है.
सरकार का तर्क है कि ई-वे बिल के दायरे में आने से सोने के कारोबार के सही-सही आंकड़े इकट्ठा करने में मदद मिलेगी.
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#ZBizExclusive | आभी गोल्ड ट्रांसपोर्ट के लिए ई-वे बिल नहीं लगता है ई-वे बिल लागू होने से गोल्ड ट्रांसपोर्ट में पारदर्शिता आएगी: सुरेंद्र मेहता, सेक्रेटरी, IBJA @SwatiKJain @AnilSinghvi_ @IBJA1919 #GSTCouncil #GSTCouncilMeet pic.twitter.com/wbyNKnNpt2
— Zee Business (@ZeeBusiness) September 16, 2019
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के सचिव सुरेंद्र मेहता ने ज़ी बिजनेस (Zee Business) से बातचीत करते हुए बताया कि 20 सितंबर को होने जा रही जीएसटी काउंसिल की बैठक में सोने को ई-वे बिल के दायरे में लाने के संबंध में बड़ा फैसला हो सकता है.
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ई-वे बिल के दायरे में आने से सोने के कारोबार और सोने की कीमतों पर पड़ने वाले सवाल पर सुरेंद्र मेहता ने बताया कि निश्चित ही ई-वे बिल के दायरे में आने से सोने के कारोबार में पारदर्शिता बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि सोने का एक बड़ा कारोबार नकद होता है. और ई-वे लागू से कैश में होने वाला सोना का कारोबार खत्म हो जाएगा. सोने में कैश का कारोबार करने वालों को प्रति तोला 1000-1500 रुपये का फायदा होता है. इसलिए ई-वे बिल लागू होने से सभी लेनदेन का रिकॉर्ड होगा और इसका असर सोने की कीमतों पर देखने को मिलेगा.
परेशानियों के बारे में उन्होंने बताया कि सोने कारोबार में 60 लाख से अधिक कारीगर हैं. सबसे ज्यादा काम बंगाल में होता है. सोने के आभूषण बनाने वाले ज्यादातर कारीगर शिक्षत नहीं हैं, इसलिए उन्हें ई-वे बिल के बारे में समझाना सबसे बड़ी चुनौती होगी.
04:40 PM IST