खेती-बाड़ी और मछली पालन के लिए सरकार ने खोला ख़ज़ाना, जानिए कहाँ दिया कितना बूस्टर
भारत तीसरा सबसे बड़ा अनाज उत्पादक है. किसानों के कल्याण के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं. किसानों लिए कई कदम पहले उठाए गए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज इस पैकेज की तीसरी किस्त की जानकारी देंगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज इस पैकेज की तीसरी किस्त की जानकारी देंगी.
देश में जारी कोरोना संकट के बीच मुश्किल में आई अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए भारत सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज इस पैकेज की तीसरी किस्त की जानकारी दी. शुरुआती दो किस्त में MSME सेक्टर और प्रवासी मजदूरों के लिए ऐलान किए जा चुके हैं. तीसरी किस्त में विशेष तौर पर सेक्टोरल रियायतों पर फोकस होगा. इसके तहत अलग-अलग सेक्टर के लिए रियायतों का ऐलान किया जा सकता है.
किसानों का क्या मिला?
- 3 करोड़ किसानों के लिए 4 लाख 22 हजार करोड़ का कृषि ऋण पहले ही दिए जा चुके हैं.
- 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड की मंजूरी दी है, जिस पर ऋण की लिमिट 25 हजार करोड़ रुपए होगी.
- गांव में कॉपरेटिव बैंक रूरल और रीजनल बैंक रूरल को मार्च 2020 में नाबार्ड ने 29 हजार 500 करोड़ रुपए के रिफाइनेंस का प्रावधान किया है.
- ग्रामीण क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 4,200 करोड़ रुपए का सहयोग रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के माध्यम से राज्यों को मार्च में राशि उपलब्ध कराई गई.
वित्त मंत्री ने क्या कहा...
- भारत तीसरा सबसे बड़ा अनाज उत्पादक है. किसानों के कल्याण के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं. किसानों लिए कई कदम पहले उठाए गए.
- सरकार किसानों के कल्याण के लिए लगातार कदम उठा रही है. दाल और दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है. और गन्ने का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है.
- लॉकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहे. छोटे और मझोले किसानों के पास 85 फीसदी खेती है.
- लॉकडाउन के दौरान 560 लाख लीटर दूध डेयरी कोऑपरेटिव सोसाइटी से खरीदा गया है.
- लॉकाडाउन के दौरान पीएम किसान फंड में 18,700 करोड़ ट्रांसफर किए गए हैं.
- एमएसपी के तहत 74 हजार 300 करोड़ की फसल की खरीद की गई है.
- किसान क्रेडि कार्ड के लिए 2 लाख करोड़ रुयये का ऐलान किया गया है.
- फसल बीमा पर 64000 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
- आज कृषि क्षेत्र के लिए 11 ऐलान किए जाएंगे.
- लॉकडाउन के दौरान 5000 करोड़ की अतिरिक्त लिक्विडिटी का लाभ किसानों को हुआ है.
- कृषि का आधारभूत ढ़ांचा बनाने के लिए 1 लाख करोड़ की योजना लाई गई है.
- कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ करोड़ रुपए दिए जाएंगे. इससे कोल्ड चेन, फसल कटाई के बाद प्रबंधन की सुविधाएं मिलेंगी. किसान की आय भी बढ़ेगी.
In a move to strenghten infrastructure in agriculture, financing facility of Rs. 1 lakh crore will be provided for funding Agriculture Infrastructure Projects at farm-gate & aggregation points#AatmaNirbharDesh #AatmanirbharBharat pic.twitter.com/I6XsQI6EE9
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 15, 2020
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10,000 करोड़ की नई स्कीम
- माइक्रो फूड इंटरप्राइज के लिए 10,000 करोड़ की स्कीम लाई गई है.
- बिहार में मखाना के क्लस्टर, केरल में रागी, कश्मीर में केसर, आंध्र प्रदेश में मिर्च, यूपी में आम से जुड़े क्लस्टर बनाए जा सकते हैं.
- क्लस्टर आधार पर इसलिए जिससे ग्लोबल स्टैंडर्ड के प्रोडक्ट बनाए जा सकें. वेलनेस, हर्बल, ऑर्गनिक प्रोडक्ट करने वाले 2 लाख माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज को फायदा होगा.
पीएम मत्स्य संपदा योजना
- पीएम मत्स्य संपदा योजना में 20,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, इसकी घोषणा बजट में की गई की, कोरोना की वजह से इसे तत्काल लागू किया जा रहा है.
- समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के लिए और 9,000 करोड़ रुपए इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के विकास में लगाया जाएगा.
- मछुआरों को नई नौकाएं दी जाएंगी. 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.
- भारत का निर्यात दोगुना बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा. अगले 5 साल में 70 लाख टन अतिरिक्त मत्स्य उत्पादन होगा.
Government to launch Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana for integrated, sustainable, inclusive development of marine and inland fisheries to plug critical gaps in fisheries value chain; move will provide employment to over 55 lakh persons & double exports to Rs 1 lakh crore pic.twitter.com/ZDV2ldSEV2
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 15, 2020
पशुओं का 100 फीसदी टीकाकरण
- जानवरों में फुट ऐंड माउथ डिजीज होता है, क्योंकि उनका टीकाकरण नहीं होता. दूध के उत्पादन पर असर पड़ता है.
- 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण की योजना शुरू होगी. लगभग 13,343 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
- अब सभी पशुओं का 100 फीसदी टीकाकरण होगा.
- जनवरी 2020 तक 1.5 करोड़ गाय,भैंसों का टीकाकरण किया गया.
- ग्रीन जोन में यह काम जारी है.
- लॉकडाउन में दौरान डेढ करोड़ गाय और भैंसों का बीमा हुआ.
National Animal Disease Control Programme has been launched with total outlay of Rs. 13,343 crores for 100% vaccination of cattle, buffalo, sheep, goat and pig population in India#AatmaNirbharDesh #AatmanirbharBharat pic.twitter.com/cbRer9Bccj
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 15, 2020
एनिमल हसबैंड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 15,000 करोड़ रुपए
- एनिमल हसबैंड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डिलेवपमेंट फंड में 15,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
- डेयरी प्रोसेसिंग में बढ़ावा देने, कैटल फीड प्रोडक्शन में निर्यात के लिए 15,000 करोड़ रुपए का फंड है.
- चीज जैसे नीश प्रोडक्ट के प्लांट लगाने के लिए सरकार प्रोत्साहन देगी.
- 25 लाख एकड़ में हर्बल खेती की जाएगी.
- हर्बल खेली के लिए 4 हजार करोड़ रुपये का फंड.
- 5 साल में 70 लाख टन मछली उत्पादन का लक्ष्य.
हर्बल पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ रुपए
- हर्बल खेती के प्रमोशन के लिए 4,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया.
- लगभग 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल प्रॉड्क्टस की खेती होगी.
- किसानों को 5,000 करोड़ की आय होगी.
- गंगा के किनारे 800 हेक्टेयर भूमि पर हर्बल प्रॉडक्ट्स के लिए कॉरिडोर बनाया जाएगा.
मधुमक्खी पालन के लिए योजना
- मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए की योजना.
- मधुमक्खी पालन के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाएगा.
- सब्जी आपूर्ति के लिए छूट दी जाएगी.
- ऑपरेशन ग्रीन से किसानों को लाभ मिलेगा.
किसानों के लिए एक और ऐलान
- ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार टमाटर, प्याज और आलू के अलावा बाकी सभी फल और सब्जियों के लिए भी किया जाएगा.
- सप्लाई चेन किसानों की बाधित हो गई है.
- फल, सब्जियों को खेतों से बाजार तक लाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट बढ़ाया.
- फल, सब्जी खराब होने से बचाने के लिए 500 करोड़ रुपए की अगले 6 महीने तक इस पायलट प्रोजेक्ट को बढ़ा दिया गया है.
आवश्यक जिंस एक्ट में बदलाव किया
- सरकारी और प्रशासनिक सुधार 1 आवश्यक जिंस एक्ट 1955 में लागू हुआ था.
- देश में प्रचुर उत्पादन होता है हम निर्यात करते हैं. इसलिए इसमें बदलाव जरूरी है.
- अब अनाज, तिलहन, प्याज, आलू आदि को इससे मुक्त किया जाएगा.
- एक केंद्रीय कानून आएगा जिससे किसान अपने उत्पाद को आकर्षक मूल्य पर दूसरे राज्यों में भी बेच सकें.
- अभी अंतर-राज्य व्यापार पर रोक है.
- अभी वह सिर्फ लाइसेंसी को ही बेच सकता है.
- अगर वह किसी को भी बेच सके तो उसे मनचाही कीमत मिलेगी. हम उसे ऐसी सुविधा देंगे.
- किसानों की निश्चित आय, जोखिम रहित खेती और गुणवत्ता के मानकीकरण के लिए एक कानून बनेगा.
- किसानों का उत्पीड़न रोका जाएगा और किसानों के जीवन में सुधार आएगा.
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05:18 PM IST