कोरोना की 'पाबंदियों' से बेपटरी हो रहा व्यापार, 10 दिन में 46 हजार करोड़ के कारोबार का नुकसान?
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का दावा है कि कोरोना के खौफ से करीब 60 फीसदी कंज्यूमर्स ने बाजारों से दूरी बना ली है.
corona ke side effects:बेकाबू कोरोना पर काबू पाने के लिए लगाए जा रही पाबंदियों से व्यापारियों को तगड़ा नुकसान होने लगा है. देश के कई राज्यों में बीते 10 दिन में कोरोना कर्फ्यू और आंशिक लॉकडाउन के चलते करीब 46,000 करोड़ रुपये के व्यापार के नुकसान का अनुमान है. इसमें से खुदरा व्यापार को करीब 32 हजार करोड़ और थोक कारोबार को करीब 14 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने 13 अप्रैल को यह दावा किया है. कैट ने बताया कि कोरोना के खौफ से लगभग 60 फीसदी कंज्यूमर्स ने बाजारों से दूरी बना ली है.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि बीते 10 दिनों में नुकसान का यह आंकड़ा देश के नौ राज्यों से संबंधित है. इन नौ राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं से मिली जानकारी के आधार पर आंकड़ा निकाला गया है.
किस राज्य में कितना नुकसान?
- महाराष्ट्र में खुदरा व्यापार में करीब 10 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान हुआ है और थोक व्यापार में यह नुकसान करीब 6000 करोड़ रुपये का है.
- छत्तीसगढ़ में, खुदरा व्यापार में 1200 करोड़ और थोक व्यापार में करीब 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
- गुजरात में खुदरा व्यापार को लगभग 4800 करोड़ और थोक व्यापार को करीब 2200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
- दिल्ली में खुदरा व्यापार को करीब 3000 करोड़ और थोक व्यापार को 1400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
- कर्नाटक में खुदरा व्यापार का घाटा करीब रु 4300 करोड़ है, जबकि थोक व्यापार का घाटा करीब 1950 करोड़ रुपये है.
- पंजाब में खुदरा व्यापार को करीब रु 900 करोड़ जबकि थोक व्यापार में नुकसान 350 करोड़ रुपये का है.
- राजस्थान में खुदरा व्यापार में नुकसान करीब 1900 करोड़ और थोक व्यापार में यह नुकसान 850 करोड़ है.
- मध्य प्रदेश में खुदरा व्यापार में नुकसान करीब 1700 करोड़ और थोक व्यापार में नुकसान लगभग रु 750 करोड़ है.
- उत्तर प्रदेश में खुदरा व्यापार का नुकसान करीब 3800 करोड़ और थोक व्यापार घाटा 1500 करोड़ रुपये है.
नाइट कर्फ्यू से थोक व्यापार पर असर
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि कोविड मामलों में तेजी से इजाफा और कई राज्यों में रात के कर्फ्यू और आंशिक लॉकडाउन के चलते आम उपभोक्ता डरे हुए हैं. वो बाजार जाने से बच रहे हैं. यही वजह है कि रिटेल बाजार में नुकसान हो रहा है. वहीं, थोक व्यापार में नुकसान की मूल वजह सामान की लोडिंग एवं अनलोडिंग न होना है. देशभर के बाजारों में ट्रकों पर सालाना का चढ़ना या उतरना रात में होता है और क्योंकि कई राज्यों में रात्रि कर्फ्यू है. इसलिए माल की लोडिंग एवं अनलोडिंग पर बड़ा असर पड़ा है. वहीं, देशभर में दिन में ट्रकों की एंट्री पर पाबंदी होती है. रात्रि 9 बजे के बाद ही शहर में ट्रकों की एंट्री को मंजूरी दी जाती है.
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10:25 AM IST