सरकारी तेल कंपनियों ने दिखाया दम, बजट में पूंजीगत खर्च चार साल में सबसे कम
Government oil companies: ओएनजीसी, आईओसी, गेल, बीपीसीएल, एचपीसीएल, मंगलोर रिफाइनरीज और पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड तथ इनकी अनुषंगियों का पूंजीगत खर्च 2014-15 के बाद के सबसे निचले स्तर पर है.
इंडियन ऑयल का पूंजीगत खर्च भी करीब दो प्रतिशत कम होकर 25,083 करोड़ रुपये रहेगा.
इंडियन ऑयल का पूंजीगत खर्च भी करीब दो प्रतिशत कम होकर 25,083 करोड़ रुपये रहेगा.
ओएनजीसी और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के 2019-20 में तेल एवं गैस खोज में 93,693 करोड़ रुपये के निवेश की योजना के बाद भी सरकारी तेल कंपनियों का पूंजीगत खर्च चार साल के निचले स्तर पर आ गया है. अंतरिम बजट के दस्तावेजों के अनुसार, ओएनजीसी, आईओसी, गेल, बीपीसीएल, एचपीसीएल, मंगलोर रिफाइनरीज और पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड तथ इनकी अनुषंगियों का पूंजीगत खर्च 2014-15 के बाद के सबसे निचले स्तर पर है. सरकारी तेल कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष में 89,335 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव किया था लेकिन 31 मार्च 2019 तक यह 94,438 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा.
तेल एवं गैस आयात पर इतना हुआ खर्च
यह 2017-18 के 1,32,003 करोड़ रुपये, 2016-17 के 1,04,426 करोड़ रुपये और 2015-16 के 97,223 करोड़ रुपये से कम है. वर्ष 2014-15 में इन्होंने 89,180 करोड़ रुपये निवेश किये थे. सरकारी तेल कंपनियों का पूंजीगत खर्च ऐसे समय में कम हुआ है जब सरकार महंगे तेल आयात से निर्भरता कम करने के लिये घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है. पिछले वित्त वर्ष में देश ने तेल एवं गैस आयात पर 109.10 अरब डॉलर खर्च किया था.
यह बढ़कर चालू वित्त वर्ष में करीब 130 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है. दस्तावेज के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में ओएनजीसी का निवेश पिछले वित्त वर्ष के 33,007 करोड़ रुपये से कम होकर 32,921 करोड़ रुपये पर आ जाएगा. इंडियन ऑयल का पूंजीगत खर्च भी करीब दो प्रतिशत कम होकर 25,083 करोड़ रुपये रहेगा.
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इसी तरह गेल का पूंजीगत खर्च 10 प्रतिशत कम होकर 5,339 करोड़ रुपये और ओएनजीसी विदेश लिमिटेड का 15.5 प्रतिशत कम होकर 5,161 करोड़ रुपये रहने का प्रस्ताव है. हालांकि एचपीसीएल और बीपीसीएल का पूंजीगत खर्च बढ़कर क्रमश: 9,500 करोड़ रुपये और 7,900 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
(इनपुट एजेंसी से)
07:21 PM IST