जज्बे को सलाम: बजट छपाई के बीच पिता का निधन, लेकिन नहीं छोड़ी ड्यूटी
मोदी सरकार का दूसरा बजट (#BudgetOnZee) कुछ देर में लोकसभा में पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 बजे बजट (Budget 2020) पेश करेंगी. इससे पहले एक मार्मिक घटना घटी है.
मोदी सरकार का दूसरा बजट (#BudgetOnZee) कुछ देर में लोकसभा में पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 बजे बजट (Budget 2020) पेश करेंगी. इससे पहले एक मार्मिक घटना घटी है. दरअसल, बजट छपाई में व्यस्त रहे डिप्टी मैनेजर (प्रेस) कुलदीप शर्मा के पिता का 26 जनवरी को स्वर्गवास हो गया था. लेकिन शर्मा बजट छपाई कार्यक्रम से अलग नहीं हुए और घर नहीं गए. आपको बता दें कि बजट छपाई से जुड़े अधिकारियों को खास नियम फॉलो करना होता है. शर्मा ने भी उसको फॉलो किया. उन्होंने कहा कि बजट की छपाई का काम पूरा होन के बाद ही वह घर जाएंगे.
वित्त मंत्रालय मे मौजूद सभी अधिकारियों ने शर्मा की इस कर्मठता को सलाम किया है. दरअसल, 20 जनवरी से 100 से अधिक अधिकारी वित्त मंत्रालय में बजट बनाने में लगे थे. बजट पेश होने से लगभग एक हफ्ते पहले ही इन लोगों को नॉर्थ ब्लॉक में नजरबंद कर दिया गया था. उन्हें 24 घंटे घर में ही गुजारने थे. बजट पेश होने के बाद ही वे घर जा सकेंगे.
गोपनीय तरीके से होती है छपाई
बजट बनाने के बाद बजट की छपाई भी एक बेहद गोपनीय प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया के काफी जाटिल होने के चलते ही हल्का माहौल बनाने के लीए हलवा सेरेमनी का आयोजन होता है. बजट छपाई की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी 10 दिनों के लिए पूरी दुनिया से कटे रहते हैं. बजट बनाने का काम कर रहे 50 अधिकारियों और कर्मचारियों को घर जाने की भी इजाजत नहीं होती है. वित्त मंत्री और बेहद वरिष्ठ अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत होती है.
Informing with regret that Shri Kuldeep Kumar Sharma, Dy Manager (Press), lost his father on 26 Jan,2020. Being on budget duty, he was on job in the lock-in. In spite of his immense loss, Sharma decided not to leave press area even for a minute. @nsitharamanoffc @Anurag_Office
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 30, 2020
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बेहद सुरक्षा के बीच होता है ये काम
बजट बनाने की प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा व्यवस्था काफी चाक चौबंद होती है. किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वित्त मंत्रालय में नहीं होता है. बजट बनाने में लगे कर्मचारी और अधिकारी किसी बाहरी व्यक्ति से भी नहीं मिल सकते हैं. अगर किसी विजिटर का आना बहुत जरूरी है तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में अंदर भेजा जाता है.
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मोबाइल पर भी लगी होती है रोक
बजट बनाने के दौरान काम कर रहे अधिकारी और कर्मचारी मोबाइल का भी इस्तेमाल नहीं करते हैं. इन 10 दिनों तक मंत्रालय के अंदर कोई भी मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है. केवल लैंडलाइन फोन के जरिए ही बातचीत हो पाती है. जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट होता है, उनसे इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर को डिलिंक कर दिया जाता है. इससे किसी भी प्रकार की हैकिंग का डर नहीं रहता है. इन कंप्यूटरों को केवल प्रिंटर और छपाई मशीन से कनेक्ट करके रखा जाता है.
12:35 PM IST