
Yellow Gold Production
Yellow Gold Production: इस बार देश में सोयाबीन (Soybean) की पैदावार करीब 20.50 लाख टन कम हो सकती है. सोयाबीन को किसानों के बीच ‘पीला सोना’ (Yellow Gold) कहा जाता है, लेकिन इस बार खराब मौसम और बीमारी की वजह से इसका उत्पादन घट गया है.
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) ने बताया कि इस बार 114.56 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की खेती हुई है, जिससे 920 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की औसत उत्पादकता के साथ लगभग 105.36 लाख टन सोयाबीन की पैदावार होगी. यह पिछले साल के मुकाबले बहुत कम है, जब 1,063 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की औसत उत्पादकता के साथ118.32 लाख हेक्टेयर में 125.82 लाख टन सोयाबीन पैदा हुई थी.
सोपा के चेयरमैन डेविश जैन ने कहा कि खासकर राजस्थान में मॉनसून की भारी बारिश से फसल का बड़ा नुकसान हुआ है, जिससे पैदावार आधी रह गई. इसके अलावा, येलो मोजेक वायरस नाम की बीमारी ने भी कई इलाकों में फसल को नुकसान पहुंचाया है.
मध्य प्रदेश के कई जिलों में भी बारिश की वजह से सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई है. इस कारण राज्य सरकार ने किसानों के लिए एक योजना शुरू की है. अगर किसान मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम कीमत पर अपनी फसल बेचते हैं, तो सरकार उनकी कीमत का अंतर भर देगी ताकि उन्हें नुकसान न हो.
देश में खाद्य तेल की जरूरत का 60% से ज्यादा हिस्सा हम विदेश से आयात करते हैं, जिससे हर साल लगभग 1.70 लाख करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा खर्च होती है.सोपा ने सरकार से कहा है कि सोयाबीन की पैदावार बढ़ाने के लिए बेहतर बीजों और तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए ताकि हम तेल के लिए आयात कम कर सकें.
केंद्र सरकार ने अगले साल के लिए सोयाबीन का MSP बढ़ाकर 5,328 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जो पिछले साल के 4,892 रुपये से 436 रुपये ज्यादा है.
Q1. सोयाबीन को 'पीला सोना' क्यों कहा जाता है?
सोयाबीन एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है जिससे तेल और पशु आहार बनता है. इसलिए इसे 'पीला सोना' कहा जाता है.
Q2. इस साल सोयाबीन की पैदावार में कितनी गिरावट आने की संभावना है?
इस बार पैदावार में लगभग 20.50 लाख टन की गिरावट का अनुमान है.
Q3. सोयाबीन की पैदावार कम क्यों हुई?
इसके पीछे दो मुख्य कारण हैं- भारी बारिश और येलो मोजेक वायरस.
Q4. सरकार ने किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए क्या किया है?
मध्य प्रदेश सरकार ने भावांतर भुगतान योजना लागू की है.
Q5. सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) क्या है?
2025-26 के लिए MSP: ₹5,328 प्रति क्विंटल है.
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