प्रीमियर शिपिंग सर्विसेज कंपनी जेएम बख्शी के खिलाफ शिकायत दर्ज, हेराफेरी का आरोप
शिपिंग कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर ऑफ ग्रिएवान्सेस को 11 नवंबर को भेजी शिकायत में एक्टिविस्ट पटेल ने शिपिंग कॉर्पोरेशन में पैसों की हेराफेरी और व्यवहार में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है.
साल 1999 में भी कॉर्पोरेशन ने कई प्रक्रियाओं के बिना ही इस कंपनी को बतौर अपना एजेंट नियुक्त किया था.
साल 1999 में भी कॉर्पोरेशन ने कई प्रक्रियाओं के बिना ही इस कंपनी को बतौर अपना एजेंट नियुक्त किया था.
आरटीआई एक्टिविस्ट असद पटेल ने शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के अधिकारियों और शिपिंग सर्विसेज क्षेत्र की बड़ी कंपनियों में से एक जेएम बख्शी एंड कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. शिपिंग कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर ऑफ ग्रिएवान्सेस को 11 नवंबर को भेजी शिकायत में एक्टिविस्ट पटेल ने शिपिंग कॉर्पोरेशन में पैसों की हेराफेरी और व्यवहार में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है.
आरोप है, जेएम बख्शी कंपनी पिछले कई सालों से भारत में शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के 20 से ज्यादा बंदरगाहों पर अपनी सेवाएं दे रही है. शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया कई सारे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए साल 1961 से इस कंपनी की सेवा ले रहा है. साल 1999 में भी कॉर्पोरेशन ने कई प्रक्रियाओं के बिना ही इस कंपनी को बतौर अपना एजेंट नियुक्त किया था.
शिकायत में दावा किया गया है कि कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने जेएम बख्शी कंपनी से कई बार बिल हासिल किए बिना ही उन्हें एडवांस पेमेंट का भुगतान किया. कई बार तो कंपनी ने कई सालों तक अकाउंट सेटल न करने के बावजूद भी कॉर्पोरेशन इस कंपनी को भुगतान करता रहा.
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यही नहीं, शिपिंग कॉर्पोरेशन के अलावा विजिलेंस विभाग और शिपिंग मंत्रालय को भी भेजी गई शिकायत में दावा किया गया है कि जे.एम. बख्शी ने कई बिलों को बिना ऑडिट स्क्रूटिनी के भी स्वीकार कर कॉर्पोरेशन को लाखों का नुकसान पहुंचाया. शिकायतकर्ता ने इस मामले को शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के अधिकारियों की कंपनी के साथ मिलीभगत कर एक आपराधिक साजिश बताया.
शिकायतकर्ता असद पटेल ने कहा, 'जे.एम. बख्शी और शिपिंग कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने मिलकर कितने रुपयों की हेराफेरी की है, ये जांच का विषय है. हम इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. इस मामले में सच सामने आए और दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द और सख्त कार्रवाई हो.'
जे.एम. बख्शी एंड कंपनी ने उनपर लगे इन तमाम आरोपों को खारिज़ किया है. इस मामले में जे.एम. बख्शी कंपनी के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट रजनीश खंडेलवाल ने ZEE मीडिया को भेजे ईमेल में कंपनी का पक्ष रखते हुए अपनी सफाई में कहा, 'इस शिकायत का कोई आधार नहीं है. और दावे में उल्लिखित सभी पॉइंट्स सिर्फ असत्य हैं.'
हालांकि इस मामले में ZEE मीडिया को शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया की ओर से अबतक कोई अधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है. अब देखना ये होगा कि ताज़ा शिकायत के मामले में क्या कार्रवाई की जाती है.
गौरतलब है कि इससे पहले फरवरी 2009 में सीबीआई ने ऐसी ही एक शिकायत के आधार पर शिपिंग कॉर्पोरेशन और इंडिया के कुछ अधिकारियों और जेएम बख्शी कंपनी के मालिकों समेत अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 420, 465, 467, 468, 471 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) के साथ 13(1) (डी) के तहत मामला दर्ज किया था.
इस मामले में साल 2010 में जांच एजेंसी सीबीआई ने शिपिंग कॉर्पोरेशन के अधिकारी - डी.पी. रेवावाला, एन.आर. सरैया, वैशाली लाडी, हरिप्रकाश कामथ समेत जे.एम. बख्शी कंपनी और उसके पार्टनर कृष्णा कोटक के खिलाफ मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत में चार्जशीट दायर की थी.
विशेष सीबीआई अदालत जे.एम. बख्शी के कृष्णा कोटक समेत अन्य आरोपियों की डिस्चार्ज एप्लीकेशन खारिज कर चुकी है जबकि सिर्फ सरैया और लाडी को मुंबई हाईकोर्ट ने आरोपों से बरी किया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होनी है.
(मुंबई से ज़ी मीडिया के राकेश त्रिवेदी की रिपोर्ट)
01:01 AM IST