Friendship Day: दोस्त नहीं, दुश्मन थे Google के मालिक, जानिए कैसे शुरू की थी कंपनी
Written By: शुभम् शुक्ला
Sun, Aug 01, 2021 12:56 AM IST
‘ब्रांड गूगल’ की चमत्कारिक सफलता की कहानी कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से शुरू हुई. शुरुआत में Google को एक कार गैराज से शुरू किया गया, जो आज एक ब्रान्ड के तौर पर दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी है. इंटरनेट सर्च मशीन से शुरू कर गूगल अब ई-मेल, फोटो और वीडियो, गूगल मैप और मोबाइल फोन जैसी सेवाएं देने वाली ऑलराउंडर कंपनी बन गई है. सभी सेवाएं मुफ्त हैं. व्यावसायिक कंपनियों से मिलने वाले विज्ञापनों से गूगल की कमाई (Google earnings) होती है. Friendship Day पर जानिए कैसे दुश्मनी दोस्ती में बदली और बन गया Google एक ब्रांड.
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दोस्त नहीं दुश्मन थे लैरी और सर्जी बिन
सर्जी ब्रिन और लैरी पेज 22-23 साल के थे, जब 1995 में वे पहली बार मिले. उस समय दोनों के बीच बिल्कुल नहीं पटती थी. हर बात पर बहस होती थी. दोनों के बीच एक-दूसरे के दुश्मन जैसा बर्ताव था. दोनों के माता-पिता अपने जमाने के पढ़े-लिखे टैक्नोक्रेट्स थे. हालांकि, बाद में दोस्ती ऐसी हुई कि जिसने दुनिया को गूगल जैसा विशाल सर्च इंजन दिया.
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समस्या ने बनाया दोस्त
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स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में किए ट्रायल
सबसे पहला सिद्धांत यह था कि हाइपर लिंक करके जिस वेबसाइट की ओर इशारा किया गया हो, वह वेबसाइट उतनी ही महत्वपूर्ण होनी चाहिए. यूजर जिस शब्द, इन्फॉर्मेशन या सवाल के जवाब की खोज कर रहे हैं, वह इंटरनेट पर होना चाहिए. वेबसाइटों को छान कर ऐसी पहेली को लैरी और सर्जी ने मिलकर सुलझाया. दोनों ही प्रोफेशनल दोस्तों ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में आरंभिक परीक्षण किए. इसके लिए 11 लाख डॉलर धन जुटाया.
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कार-गैरेज में बनी गूगल इनकॉपरेरेटेड
दोनों ने 4 सितंबर 1998 को, गूगल इनकॉपरेरेटेड के नाम से मेनलो पार्क, कैलिफोर्निया के एक कार गैरेज में अपनी कंपनी बनाई और काम शुरू कर दिया. सिर्फ दो वर्षों में ही गूगल का नाम सबकी जुबान पर था. हालांकि, 2005 के बाद गूगल के फाउंडर्स ने इसकी फाउंडिंग डेट को 4 सितंबर से बदलकर 27 सितंबर कर दिया था. इंटरनेट को दुनिया में आए दो दशक से ज्यादा समय हो गया है, जबकि गूगल ने सितंबर 2008 को अपना पहला दशक पूरा किया था, तब भी दोनों एक-दूसरे के पर्याय बने हुए हैं.
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कहां से पड़ा नाम?
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इस्तेमाल बढ़ने के साथ बढ़ते गए शेयर
इंटरनेट का इस्तेमाल जितना बढ़ रहा है, गूगल के शेयर भी उतने ही चढ़ रहे हैं. अगस्त 2004 में गूगल ने जब पहली बार शेयर बाजार में कदम रखा, तब उसके शेयर 85 डॉलर में बिक रहे थे. तीन वर्ष बाद, नवंबर 2007 में इसके शेयर उछलकर 747 डॉलर पर पहुंच गया था. फिलहाल, गूगल का हर शेयर 2,694.53 डॉलर का है. यह अमेरिकी बाजार नैस्डैक में अल्फाबेट के नाम से लिस्टेड है.
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स्मार्टफोन बाजार में एंड्रॉयड खरीद से छाया
एंड्रॉयड सॉफ्टवेयर का मालिक गूगल है, लेकिन इसकी खोज गूगल ने नहीं की थी. एंड्रॉयड इंक नामक कंपनी की स्थापना एंडी रूबिन ने कुछ लोगों के साथ मिलकर 2003 में की थी. बाद में कंपनी की माली हालत खराब हो गई, तभी गूगल की नजर इस कंपनी पर पड़ी जो स्मार्टफोन्स के लिए एक नए तरह का सॉफ्टवेयर बनाने में जुटी थी. 2005 में गूगल ने इस कंपनी को खरीद लिया. एंड्रॉयड की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज स्मार्टफोन के करीब 80 फीसदी बाजार पर इसका कब्जा है, यानी हर पांच में से चार स्मार्टफोन एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चल रहे हैं.
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